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राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत समय पर ग्रामीणों को दिया जाए कार्य - पद्म प्रभाकर

अंजना जूली ब्यूरो आनी 9 जून। राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है।जो गरीब एवं जरूरतमंद व्यक्तियों को आर्थि...

अंजना जूली
ब्यूरो आनी
9 जून।
राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है।जो गरीब एवं जरूरतमंद व्यक्तियों को आर्थिक संबल प्रदान करने का सशक्त आधार बनकर उभरा है । लेकिन सरकार जिस तरह से मनरेगा के बजट में हर साल कटौती कर रही है वह बहुत ही चिंतनीय विषय है।प्रदेश सरकार ने 2018-19 के वार्षिक बजट में 100 दिन से बढ़ाकर 120 दिन मनरेगा मजदूरों को रोजगार देने की घोषणा की थी ।लेकिन इसको धरातल पर लागू करने के लिए प्रशासन और सरकार पूरी तरह से वचनबद्ध नहीं है। मनरेगा कार्यों के लिए आवेदन करने के बाद भी महीनों तक मनरेगा में काम नहीं मिलता है। हालांकि कानून में प्रावधान है कि 15 दिन के अंदर रोजगार देना चाहिए वरना कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा सकती हैं या जुर्माना भी हो सकता सकता हैं। लेकिन विभाग पंचायत को रसीदें नहीं देते। सीटू के कार्यकर्ता पदम प्रभाकर ने मिडिया को प्रेस नोट जारी करते हुए बताया कि विकास  खण्ड आनी में अधिकतर पंचायतों में मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार से वंचित किया जा रहा हैं। आवेदन करते हैं तो रसीद नहीं देते न ही आवेदन करने पर काम देते हैं । हर पंचायत में लाखों की शेल्फ डालते हैं लेकिन शेल्फ पूरी नहीं होती है। इसी कारण समय पर काम उपलब्ध नहीं होता है।इसमें जनता द्वारा पंचायत में चुने प्रतिनिधियों से लेकर निचले स्तर तक कमी है और सबसे बड़ी कमजोरी सरकार की है जो विभागों में खाली पड़े पदों की भर्ती नहीं करते हैं।एक रोजगार सेवक के पास 4,5 पंचायतें आती है और आनी ब्लॉक में एक ही टेक्निकल जेई है ,यह बहुत ही शर्मनाक बात है ।लेकिन ग्रामीण स्तर पर जनता को रोजगार चाहिए। कोरोना काल में एक तरफ काम न मिलने से कई परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बेमौसमी बारिश, ओलावृष्टि  व तूफ़ान से फसलें नष्ट हो गई है। ऐसी हालत में किसान और मजदूर कैसे अपना गुजर वसर करेगा ? इस संदर्भ में सरकार का ध्यान खींचते हुए सीटू और जन संघर्ष मंच के कार्यकर्ताओ ने मांग की हैं कि -
1 आनी की हर पंचायत में सभी जाब कार्ड धारकों को 120 दिन का रोजगार सुनिश्चित करें।
2.आवेदन करने पर मजदूरों को रसीद देना सुनिश्चित करें ,अगर आवेदन के बाद भी काम नहीं मिलता तो भत्ता दिया जाए ।
3 मनरेगा कानून का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाए और जुर्माना सुनिश्चित किया जाए।
4--हर पंचायत में 1 ग्राम रोजगार सेवकों की भर्ती की जाए।
5--सभी मनरेगा मजदूरों को कोरोना काल में 6000 रू0 आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाए।
साथ ही ग्राम रोजगार सेवक सुनिश्चित कि उसके साथ जेई के खाली पदों को तुरंत भरा जाए।
पंचायत समिति सदस्या रंजना ठाकुर ने कहा बुच्छैर,लफाली पंचायतों में 10 जून तक समय पर काम नहीं दिया तो 11जून गांव पर प्रर्दशन करेंगे। सांकेतिक हड़ताल पर भी बैठैंगे।लफाली बुच्छैर पंचायत में मनरेगा मजदूरों ने काम के लिए आवेदन दिए लेकिन उन्हें अभी तक काम नहीं मिला ।

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