Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Grid

GRID_STYLE

Hover Effects

TRUE

Breaking News

latest

कुल्लू में बसंत पंचमी के मौके पर भगवान रघुनाथ की भव्य रथ यात्रा के साथ हुआ होली उत्सव का आगाज।

कुल्लू के ऐतिहासिक ढालपुर मैदान में वीरवार को बसंत पंचमी के अवसर पर भगवान रघुनाथ की भव्य रथयात्रा पारंपरिक रूप में निकाली गई । इ...

कुल्लू के ऐतिहासिक ढालपुर मैदान में वीरवार को बसंत पंचमी के अवसर पर भगवान रघुनाथ की भव्य रथयात्रा पारंपरिक रूप में निकाली गई । इसी के साथ कुल्लू में होली उत्सव का आरम्भ हो गया है, आज से 40 दिनों तक रघुनाथ जी की नगरी में होली मनाई जाएगी और भगवान रघुनाथ को हर दिन गुलाल लगाया जाएगा ।
भगवान रघुनाथ पालकी में बैठकर सैंकड़ों भक्तों के साथ ढोल नगाड़ों, वाद्य यंत्रों की थाप पर ढालपुर स्थित रथ मैदान तक पहुंचे, जहां से वह रथ में सवार होकर हजारों लोगों की मौजूदगी में अस्थाई शिविर तक रथ यात्रा द्वारा पहुंचे, इस दौरान राम भक्त और आम लोगों ने जय श्रीराम का घोष किया । इस रथ यात्रा के साथ ही कुल्लू के होली उत्सव का आगाज हो गया है।पूरे देश में अभी होली के पर्व को 40 दिन शेष हैं लेकिन भगवान रघुनाथ की नगरी कुल्लू में रघुनाथ जी की इस रथ यात्रा के साथ ही होली का पर्व शुरू हो गया है । 
इस दौरान राम-भरत मिलन हमेशा की तरह आकर्षण का केंद्र रहा। राम भरत मिलन के दृश्य को देखकर भक्त भाव विभोर हो गए । इसी दौरान अधिष्ठाता को देव विधि से गुलाल अर्पित किया गया राजा जगतसिंह का शासनकाल वर्ष 1637 से 1662 तक रहा।
 इसी दौरान अयोध्या से भगवान राम की मूर्ति भी दोष निवारण के लिए यहां लाई गई थी । उसके बाद यहां इस पर्व को मनाने की रिवायत शुरू हुई, इसलिए केसरी नंदन को लगे रंग को छूने की होड़ होती है, इस दौरान एक विशेष व्यक्ति हनुमान के भेष में आता है जो पूरे शरीर में केसरी रंग लेपकर आता है । लोगों का केसरी नंदन के साथ स्पर्श हो, इसके लिए लोग उसके पीछे भागते हैं । मान्यता है कि जिन लोगों को हनुमान का केसरी रंग लगता है तो उनकी मन्नतें पूरी होती हैं । यात्रा के बाद रघुनाथ जी को पालकी में बैठाकर उनके मूल मंदिर सुल्तानपुर ले जाया गया ।

No comments