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हिमाचल किसान सभा के तत्वावधान में नारकंडा में हुआ "सेब उत्पादक संघ" का गठन।

महेंद्र सिंह। अखण्ड भारत दर्पण। 16 मार्च। हिमाचल किसान सभा के तत्वावधान में बुधवार को नारकंडा में सेब के मुद्दे पर फसल आधारित सं...

महेंद्र सिंह।
अखण्ड भारत दर्पण।
16 मार्च।
हिमाचल किसान सभा के तत्वावधान में बुधवार को नारकंडा में सेब के मुद्दे पर फसल आधारित संगठन "सेब उत्पादक संघ" का गठन किया गया। इस बैठक में 97 बागवानों ने भाग लिया। इस बैठक में 45 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया जिसमें सोहन ठाकुर को अध्यक्ष तथा प्रेम चौहान को सचिव चुना गया। 
हिमाचल किसान सभा के राज्य महासचिव डॉ ओंकार शाद ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश के साथ प्रदेश में भी बागवानी में और खास तौर पर सेब पर भयंकर आर्थिक संकट मंडरा रहा है। हालांकि सेब में भी अन्य फसलों की तरह उत्पादन से लेकर मार्किटिंग तक तमाम स्तर पर समस्याओं का जाल बिछा है, लेकिन ईरान और अफगानिस्तान के रास्ते आयातित सेब के कारण हिमाचल के सेब पर जबरदस्त संकट बढ़ गया है। डॉ शाद ने नव उदारवादी नीतियों का हवाला देते हुए कहा कि सेब पर संकट गहराया है।
बैठक में आए प्रतिनिधि बागवानों में से सुरेंद्र चौहान, शेर सिंह, त्रिलोक मेहता, अजय दुल्टा, सोहन ठाकुर, सुखदेव चौहान, ईश्वर चौहान, शिव सिंह चंदेल, ताराचंद चौहान, के.पी.नेगी, आदि ने APMC के स्तर पर ठोस हस्तक्षेप करने, मार्किटिंग में किसानों की लूट रोकने, सरकार द्वारा बागवानी के उपकरणों पर बंद की गई सब्सिडी, आदि बारे ठोस सुझाव रखे।
किसान सभा के पूर्व महासचिव एवं विधायक राकेश सिंघा ने सेब पर मंडरा रहे खतरे को न भांपने व बागवानों के संगठित न होने पर चिंता जाहिर की। साथ ही किसानों द्वारा अपने तजुर्बों से सिख लेते हुए आज फसल आधारित संगठन के निर्माण को किसान-बागवान के हित मे महत्त्वपूर्ण कदम बताया। सिंघा ने बताया कि आज सरकार की गलत नीतियों के चलते सेब किसी भी सूरत में लाभकारी नहीं रह गया है और यह हमला सरकार की गलत नीतियों का समय -समय पर कभी नवउदारवाद के रूप में, कभी SEZ के रूप में, कभी भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के रूप में, कभी अम्बानी के साईलोज खोलने के रूप में, कभी कृषि कानूनों के रूप में किसानों पर किया जाता रहा है। हल है तो केवल किसानों के संगठित होकर संयुक्त रूप से क्षेत्र, भाषा, लिंग, जाति , धर्म के भेद को छोड़कर एकजुट होकर संघर्ष करने की ।
सेब उत्पादक संघ की नवनिर्वाचित कमेटी ने अप्रैल माह में खण्ड स्तर पर सेब की समस्याओं पर धरने प्रदर्शन करने का निर्णय लिया तथा बैठकों के माध्यम से सदस्यता की रूपरेखा तैयार की जाएगी । सेब उत्पादक संघ का संघठन किसान सभा से सम्बद्ध होगा जिसकी सदस्यता 5 रूपये होगी। इसी के साथ संयुक्त किसान मंच की तर्ज पर सेब उत्पादक संघ भी 28 मार्च को अखिल भारतीय हड़ताल में हिस्सेदारी करते हुए खण्ड स्तर पर प्रदर्शन करेगा। इस बैठक में हिमाचल किसान सभा के जिला सचिव देवकीनंद व जिलाध्यक्ष सत्यवान पुण्डीर भी मौजूद रहे।

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