Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Grid

GRID_STYLE

Hover Effects

TRUE

Breaking News

latest

सेब उत्पादन की लागत बढ़ने पर हिमाचल सेब उत्पादक संघ खण्ड इकाई निरमण्ड ने किया विरोध प्रदर्शन।

हिमाचल किसान सभा के बैनर तले हिमाचल सेब उत्पादक संघ खण्ड इकाई निरमण्ड ने बुधवार को निरमण्ड में उपमंडलाधिकारी निरमण्ड के कार्यालय...

हिमाचल किसान सभा के बैनर तले हिमाचल सेब उत्पादक संघ खण्ड इकाई निरमण्ड ने बुधवार को निरमण्ड में उपमंडलाधिकारी निरमण्ड के कार्यालय के बाहर सेब उत्पादकों की समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया। 

      इस विरोध प्रदर्शन को सेब उत्पादक संघ निरमण्ड के अध्यक्ष पूर्ण ठाकुर,हिमाचल किसान सभा खण्ड इकाई निरमण्ड के अध्यक्ष देवकी नंद ने संबोधित किया।
     उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लागू की जा रही नवउदारवादी कृषि नीतियों के चलते प्रदेश में लगातार खाद,दवाई और कीटनाशकों में मिलने वाली सब्सिडी समाप्त कर रही है।इन नीतियों के चलते सरकार ने गते और ट्रे पर जीएसटी 12 से 18% बढ़ा दिया है जिससे की बागवानों को सेब को पैदा करने की लागत व पैकिंग की लागत लगभग दोगुना हो गई है।जिसके कारण सेब पैदा करने वाला किसान,बागवान सरकार की इन किसान विरोधी नीतियों के कारण परेशान है।हिमाचल प्रदेश में सेब की खेती का बहुत बड़ा योगदान है। इससे हर वर्ष सरकार को लगभग 5500 करोड़ की आय प्राप्त होती है।उन्होंने कहा कि हालांकि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के दवाब के चलते जो GST मे वृद्धि की गई थी उसको वापिस ले लिया परंतु इसके बावजूद भी बाजार में ट्रे व कार्टन के दाम कम नहीं हुए हैं।जिस कारण बागवानों का आज भी बाजार में शोषण हो रहा है।
    उन्होंने कहा कि सरकार की नवउदारवादी नीतियों से हिमाचल प्रदेश में किसानी व बागवानी निरंतर घाटे का सौदा बन रही है। जहां एक ओर किसान,बागवान लगातार कर्ज के तले दब रहे हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार ने गत्ता व कार्टन के दाम बढ़ा कर किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है।प्रदेश के निचले क्षेत्रों मे सेब का सीजन शुरू हो चुका है परंतु प्रदेश सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है किसानों व बागवानों को उनके रहमों कर्मों पर छोड़ दिया है। किसानों को सेब की पैकिंग के लिए महंगा गत्ता व ट्रे लेने को मजबूर होना पड़ रहा है।पूरे प्रदेश में सड़कों की हालत खस्ता है।जिससे बागवानों को अपना सेब मंडियों तक पहुंचाने में दिक्क़तों का सामना करना पड़ता है।निरमण्ड ब्लॉक में भी सभी सड़कें जगह-जगह से क्षतिग्रस्त है। सरकार व प्रशासन सड़कों को दुरुस्त करने में नाकाम है।
      सरकार के मिलीभगत के चलते प्रदेश में आढती लगातार बागवानों का शोषण कर रहे हैं।सेब की बोली लगने के बाद भी बागवानों से 20 रुपये से लेकर 30 रुपये की कटौती की जा रही है और लोगों को समय पर पैसों की अदायगी नहीं कर रहे हैं। बागवानों के पिछले साल के लाखों रुपए आढ़तियों के पास फंसे हुए हैं ।लोडिंग और अनलोडिंग के भी मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। 
        हिमाचल सेब उत्पादक संघ प्रदेश सरकार से मांग करता है कि सरकार शीघ्र अति शीघ्र हस्तक्षेप करते हुए गते और ट्रे के दाम कम करे। हिमाचल में भी जम्मू कश्मीर की तर्ज पर मंडी मध्यस्थता योजना के तहत ए ग्रेड का सेब 60 रुपये बी ग्रेड का 44 व सी ग्रेड का सेब 24 रुपये प्रति किलो के हिसाब से लिया जाए। खाद,दवाई और बीजों पर सब्सिडी को  पुनःबहाल किया जाए।निरमण्ड ब्लॉक की सभी सड़कों की दशा सेब सीजन से पहले दुरुस्त की जाए। आढतियों द्वारा बागवान के पैसों की शीघ्र अति शीघ्र अदायगी की जाए अन्यथा उनके लाइसेंस रद्द किए जाए।
  इस धरने में परस राम,कश्मीरी सिंह,भीम सैन, प्रेम,श्याम लाल,देव राज,शिव राम,सुन्दर सिंह,केवल राम,कृष्ण लाल,राज कुमारी,पदम,इंदिरा देवी,फुला देवी,राधा देवी,रोशनी देवी आदि उपस्थित्त रहे ।

No comments