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विश्वविद्यालय का किया जा रहा भगवाकरण: एसएफआई

एसएफआई विवि इकाई ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन पर तंज कसते हुए आड़े हाथों लिया है।  एसएफआई का कहना है क...

एसएफआई विवि इकाई ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन पर तंज कसते हुए आड़े हाथों लिया है।  एसएफआई का कहना है कि विश्वविद्यालय में कई ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे रहे जिनके माध्यम से आरएसएस/बीजेपी लगातार विश्वविद्यालय को  संघ का अड्डा बनाने का काम कर रही है। विश्वविद्यालय केवल भाजपा के बड़े -बड़े नेताओं की राजनीति को चमकाने के लिए रह गया है। छात्र संगठनों के बोर्ड और बैनर को भी विश्वविद्यालय परिसर से बाहर निकाला जाता है वहीं दूसरी ओर आज देखते है, किस तरह से एलुमनी मीट के माध्यम से भाजपा के एजेंडे को विश्वविद्यालय में लागू किया जा रहा है। ये बात इसलिए है क्योंकि  जितनी भी प्रोफेसर भर्तियां विश्वविद्यालय में हुई है नियमों को दरकिनार करते हुए की गई है । आउटसोर्स के नाम से अपने लोगो को भरना व स्थाई भर्तियों को न करवाना दर्शाता है कि विश्वविद्यालय का भगवाकरण किया जा रहा है , पीएचडी प्रवेश में अपने चहेते बेटों की एडमिशन करवाना तथा मेहनत करने वाले छात्रों के साथ सौतेला व्यवहार इस विश्वविद्यालय प्रशासन ने किया है ।ब्यूटीफिकेशन के नाम पर करोड़ों की लूट, न जाने कितने घोटाले इस विश्वविद्यालय के अंदर इसी भगवाकरण के कारण ही हुए है।  

एसएफआई इकाई सचिव विवेक राज ने आरोप लगाते हुए एलुमनी मीट को प्रशासन का कार्यक्रम न होकर भाजपा का चुनावी कार्यक्रम का नाम दिया है क्योंकि एलुमनी मीट के माध्यम से उन लोगों के साथ नकारात्मक व्यवहार किया गया  है जिन लोगों का योगदान इस विश्वविद्यालय को बनाने में रहा है । केवल आरएसएस के एजेंडे को विश्वविद्यालय के अंदर थोपने का काम बीजेपी सरकार कर रही है।  लेकिन एसएफआई इसको सिरे से नकारती है और इनके मनसूबे को कामयाब नही होने देंगे । 
   
            एसएफआई इकाई अध्यक्ष रॉकी ने आरोप लगाते हुए कहा है इस विश्वविद्यालय में लगातार छात्रों को ईआरपी सिस्टम की समस्या, रिजल्ट की दिक्कत, हॉस्टल की उचित व्यवस्था का न होना दर्शाता है कि आज भी छात्रों की  समस्याओं को दूर करने के लिए प्रशासन के पास पैमाना नहीं है जिन समस्याओं से रोजाना  छात्रों को जूझना पड़ रहा है। इसके लिए प्रशासन को उचित कदम उठाने की जरूरत है।

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