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जिले में एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत खर्च होंगे 16 करोड़ रूपये: डॉ. निपुण जिंदल

बागवानी के माध्यम से लोगों के जीवन स्तर और आर्थिकी में महत्वपूर्ण सुधार लाया जा सकता है। बागवानी व्यवसाय को सुविधाजनक और सुगम बन...

बागवानी के माध्यम से लोगों के जीवन स्तर और आर्थिकी में महत्वपूर्ण सुधार लाया जा सकता है। बागवानी व्यवसाय को सुविधाजनक और सुगम बनाने के उद्देश्य से सरकार कई महत्वपूर्ण योजनाएं चला रही है। जिला कांगड़ा बागवानी मिशन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने यह शब्द कहे।
उद्यान विभाग कार्यालय धर्मशाला में शनिवार को आयोजित इस बैठक में वर्ष 2023-24 के लिए जिला कांगड़ा में एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत 1606 लाख रूपये की वार्षिक कार्य योजना को अन्तिम रूप दिया गया। 
बता दें, प्रदेश में बागवानी के समग्र विकास हेतु केन्द्र प्रायोजित बागवानी मिशन चलाया जा रहा है।
डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि जिला कांगड़ा में एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत बागवानी के विभिन्न मदों पर पिछले 5 वर्षों में लगभग 1006 लाख रूपये खर्च किए गए। उन्होंने बताया कि इसके तहत जिले के 2578 किसानों को लाभान्वित किया गया। उन्होंने कहा कि बागवानी में लागों की बढ़ती रूचि और उन्हें बेहतर व्यवस्थाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से इस वर्ष के लिए लगभग 16 करोड़ रूपये की वार्षिक योजना बनाई गई है।
मिशन के तहत उपलब्ध होगा स्वरोजगार
उन्होंने बताया कि इस मिशन के तहत किसानों को फलों के बाग स्थापित करने, फूल, सब्जी, मसालेदार फसले व खुम्ब की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त जिले में फूल, सब्जियों व खुम्ब की संरक्षित खेती करने पर भी जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इससे जिले के बेरोजगार युवा व महिला किसानों को जहां एक तरफ स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। वहीं कम जमीन से अधिक से अधिक लाभ अर्जित कर अपनी आर्थिकी सुदृढ़ करने में वे सफल होंगे।
फील्ड में जाकर दिया जाए बागवानों को प्रशिक्षण
उन्होंने कहा कि मिशन के तहत विभाग समय-समय पर बागवानों के लिए प्रशिक्षण शिविरों का भी आयोजन करता है। उन्होंने कहा कि बागवानी का काम प्रैक्टिकल काम है, इसलिए विभाग के अधिकारी फील्ड में जाकर बागवानों को प्रशिक्षण दें। डीसी ने कहा कि इन शिविरों के माध्यम से बागवानों को आधुनिक व वैज्ञानिक तकनीकों की जानकारी देने के साथ सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों से भी अवगत करवाया जाए। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बागवानों की कार्यक्षमता व दक्षता बढ़ाने के लिए बागवानी यंत्रीकरण को भी बढ़ावा दिया जाए।
यहां खर्च होंगे 1606 लाख रूपये
बैठक में उप निदेशक उद्यान विभाग डॉ कमल शील नेगी ने बताया कि 1606 लाख रूपये की वार्षिक कार्य योजना के तहत बागवानों को विभिन्न मदों के माध्यम से सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस वार्षिक कार्य योजना में मुख्यतः 187 लाख रूपये से 25-25 कनाल के 10 अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन उद्यानों की स्थापना, 187.78 लाख रूपये बागवानी यंत्रीकरण, 135.30 लाख रूपये फूलों व सब्जियों की 22500 वर्गमीटर क्षे़त्र में संरक्षित खेती, 80 लाख रूपये खुम्ब खेती व 95.00 लाख रूपये एकीकृत फसलोत्तर प्रबंधन पर खर्च करने का प्रस्ताव है।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त इस योजना में 705 किसानों व बागवानों को विभिन्न प्रशिक्षण शिवरों व कार्यक्रमों में प्रशिक्षित करने का भी प्रावधान रखा गया हैं।
यह रहे उपस्थित
बैठक में सह निदेशक क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान व विस्तार केन्द्र जाच्छ डॉ अतुल गुप्ता, उप निदेशक कृषि विभाग डॉ राहुल कटोच, के.के. कौशल मुख्य प्रबंधक अग्रणी जिला बैंक कांगड़ा, वन मण्डल अधिकारी राहुल शर्मा, विषय विशेषज्ञ उद्यान डॉ सरिता शर्मा, उद्यान विकास अधिकारी डॉ हरविन्द्र कौर सहित प्रगतिशाील बागवान गुरदेव राणा व डॉ सुनीत दत भी उपस्थित रहे।

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