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आपदा ने पहाड़ों की पीड़ा बढ़ा दी, बीमार युवती को कुर्सी पर उठाकर 40 किलोमीटर दूर अस्पताल पहुंचाया।

28 जुलाई।   The disaster increased the pain of the mountains, the sick girl was lifted on a chair and taken to the hospital 40 km away.  सैं...




28 जुलाई। 

The disaster increased the pain of the mountains, the sick girl was lifted on a chair and taken to the hospital 40 km away.

 सैंज घाटी की दुर्गम ग्राम पंचायत गाड़ापारली में आपदा के बाद लोगों की समस्याएं बढ़ गई हैं। आजादी के 75 साल बाद भी यह पंचायत सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाई है। आपदा के बाद हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की सैंज घाटी की छोटी ग्राम पंचायत गाड़ापारली में लोगों की समस्याएं बढ़ गई हैं। यह पंचायत आजादी के 75 साल बाद भी सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाई है, और नजदीक की सड़कों को बाढ़ और बारिश से बुरी तरह क्षति हुई है।

 गुरुवार को एक महिला मरीज को 40 किलोमीटर की दूरी पर कुर्सी पर उठाकर सिउंड भेजा गया, जहां से उसे कुल्लू अस्पताल ले जाया गया। इस पंचायत के तीन मरीजों को चार दिन में उठाकर कुल्लू भेजना पड़ा। याद रखें कि गाड़ापारली के मैल गांव से सड़क आठ किलोमीटर दूर है। इसके आगे करीब 40 किमी तक सड़क भूस्खलन से बाधित होती है। पंचायत का एक भी गांव आजादी के 75 साल बाद भी सड़क से जुड़ पाया है।

वहीं, अब समस्या दोगुनी हो गई है। सैंज से सिउंड तक ही छोटे वाहन चलते हैं। इससे आगे देखने के लिए दस किलोमीटर चलना होगा। गाड़ापारली पंचायत के मैल गांव निवासी सरलादेवी को अचानक पैर और पेट में दर्द हुआ। मजबूरन मरीज को ग्रामीणों की मदद से जंगल और दुर्लभ मार्ग से चालीस किलोमीटर पैदल चलकर सिउंड पहुंचाया गया। मरीज को वहां से उपचार के लिए कुल्लू क्षेत्रीय अस्पताल लाया गया। यमुना देवी, पंचायत प्रधान, ने बताया कि मैल गांव के निवासी रमेश की बेटी सरला देवी को पेट और पैर में दर्द होने के कारण उठाकर अस्पताल ले जाया गया है। आपदा के चलते ग्रामीणों की परेशानी बढ़ रही है और मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं।


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