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हिमाचल में सेब खरीदने नहीं पहुंचे नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के खरीदार जानिए क्या है पूरा मामला ?

1 अगस्त। Buyers from Nepal, Bhutan and Bangladesh did not come to Himachal to buy apples, know what is the whole matter  हिमाचल में आयात शुल...




1 अगस्त।

Buyers from Nepal, Bhutan and Bangladesh did not come to Himachal to buy apples, know what is the whole matter

 हिमाचल में आयात शुल्क में बढ़ोतरी और पेटी में 24 किलो सेब की शर्त लागू होने के बाद लोग हिमाचल में आने से बच रहे हैं। इस साल नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के लोग हिमाचल में सेब नहीं खरीदेंगे। इसके परिणामस्वरूप रेड गोल्डन सेब की कीमतों में गिरावट की संभावना है। हिमाचल में आयात शुल्क में बढ़ोतरी और पेटी में 24 किलो सेब की शर्त लागू होने के बाद लोग हिमाचल में आने से बच रहे हैं। नेपाल, भूटान और बांग्लादेश में अधिकांश लोग रेड गोल्डन सेब खरीदते हैं। खासतौर पर छह और सात तहों वाली पेटी में रुचि व्यक्त करते हैं। इन देशों में छोटे सेब की मांग अधिक है। इनके पास भी उत्कृष्ट रेड गोल्डन सेब की मांग है। जिससे मंडियों में सेब महंगा हो जाता है।

नेपाल ने सेब के आयात पर टैक्स बढ़ा दिया है। अब एक ट्रक सेब पर लगभग 50 हजार टैक्स का खर्च डेढ़ लाख हो गया है। यह भी कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग की खराब हालत के कारण मल्टीएक्सल ट्रकों को प्रवेश नहीं मिलने से परिवहन की लागत बढ़ने का कारण है। इसके अलावा, इस साल हिमाचल में सेब की उत्पादन कम हुआ है, इसलिए नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के ग्राहक फिलहाल चंडीगढ़ और दिल्ली से सेब खरीद रहे हैं और जल्द ही कश्मीर से भी खरीदेंगे। गत वर्ष जुलाई के अंत तक इन देशों से सौ से अधिक खरीदार मंडियों में पहुंच गए थे, लेकिन इस वर्ष कोई भी खरीदार नहीं आया।
हिमाचल प्रदेश आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश ठाकुर और सलाहकार नाहर सिंह चौधरी ने बताया कि इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने और 24 किलो की शर्त लगने से नेपाल, भूटान और बांग्लादेश सेब खरीदने वाले लोग चंडीगढ़ और दिल्ली में सेब खरीद रहे हैं। खरीदारों की कमी रेड गोल्डन की कीमतों को प्रभावित कर सकती है। ईश्वर भी दूरस्थ क्षेत्रों में अपना सेब भेजते हैं।



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