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तीर्थन घाटी में आपदा के एक माह बाद हालात सामान्य होने से पर्यटन कारोबार बढ़ने की उम्मीद।

13 अगस्त। हिमाचल प्रदेश के कई अन्य जिलों सहित कुल्लू जिला की तीर्थन घाटी में भी हाल ही में हुई भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के का...

13 अगस्त।
हिमाचल प्रदेश के कई अन्य जिलों सहित कुल्लू जिला की तीर्थन घाटी में भी हाल ही में हुई भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण पर्यटन कारोबार काफी प्रभावित हुआ है। लेकिन सड़के, यातायात, बिजली पानी और नेटवर्क बहाल होते ही अब पर्यटन कारोबार धीरे धीरे पटरी पर लौटना शुरू हो गया है।

जिला कुल्लू उपमण्डल बंजार की तीर्थन और जीभी घाटी में भी करीब एक माह के बाद वीकेंड पर पर्यटकों की आवाजाही देखने को मिल रही है। अभी इस वीकेंड पर बाहरी राज्यों से आए सैलानियों ने घाटी की वादियों में दस्तक देना शुरू कर दी है। इस वीकेंड तीर्थन घाटी गुशैनी के आस पास कुछ पर्यटकों की आवाजाही को देखकर स्थानीय पर्यटन कारोबारियों को राहत पहुंची है। हालात सामान्य होते ही लोगों को पर्यटन कारोबार बढ़ने की उम्मीद जगी है।

जीभी और तीर्थन घाटी में आजकल बाहरी राज्यों पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, छत्तीसगढ़, और राजस्थान आदि राज्यों के कुछ एक पर्यटकों ने दस्तक दी है जो यहाँ पर आकर खूबसूरत दर्शनीय स्थलों का भ्रमण करके यहाँ के प्राकृतिक सौन्दर्य का खूब लुत्फ उठा रहे हैं। 

हालांकि तीर्थन घाटी में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण कई सम्पर्क सड़कों, रास्तों, पुलों, आवासीय भवनों को भारी क्षति पहुंची है। अभी यहां पर विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क, शर्ची, जलोड़ी पास, सरेलसर झील और कई अन्य खूबसूरत स्थलों तथा झरनों तक पर्यटकों की आवाजाही सुगम नहीं है। लेकिन फिर भी तीर्थन घाटी और जीभी के आसपास क्षेत्रों में पर्यटक बिना किसी भय के घूमने फिरने का आनन्द ले रहे हैं। हालांकि अभी तक यहां पर बाढ़ और भूस्खलन की वजह से बहुत ही भयंकर मंजर देखने को मिल रहा है। लेकिन धीरे -धीरे हालात सामान्य होने की उम्मीद है। इस समय वर्षाकाल के दौरान तीर्थन घाटी और जिभी की वादियां अपनी अलग ही खुबसूरती पेश कर रही है।   

तीर्थन संरक्षण एवं पर्यटन विकास एसोसिएशन के अध्यक्ष वरुण भारती का कहना है भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण यहां पर पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ है। यहां के कई सम्पर्क सड़क मार्ग, पुल, रास्ते, आवासीय भवनों और पर्यटन इकाईयों को भी क्षति पहुंची है। इन्होंने बताया कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर भूस्खलन होने के कारण पर्यटक अभी यहां आना नहीं चाह रहे है। इस समय घाटी में बहुत ही कम सैलानी आए हुए है। सितंबर माह से पर्यटकों की आवाजाही शुरु होने की उम्मीद है।

वरुण भारती ने बताया कि तीर्थन घाटी में भारी बारिश के कारण पर्यटन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है जिस कारण स्थानीय कारोबारियों को भारी कठिनाई पेश आ रही है। इन्होंने बताया कि पर्यटन कारोबारियों की समस्याओं और उनको पहुंची क्षति की भरपाई बारे शीघ्र ही एक प्रतिनिधिमण्डल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर से मनाली में मिलेगा।

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