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हमीरपुर एनआईटी में बिना पंजीकरण ही चल रहा आर्किटेक्चर का कोर्स, जानिए क्या है पूरा मामला ?

1 अगस्त ।   एनआईटी हमीरपुर में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां लंबे समय से बिना काउंसिल की अनुमति लिए आर्किटेक्चर की पढ़ाई हो रही ...




1 अगस्त

 एनआईटी हमीरपुर में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां लंबे समय से बिना काउंसिल की अनुमति लिए आर्किटेक्चर की पढ़ाई हो रही है।

भारतीय आर्किटेक्चर काउंसिल ने एनआईटी हमीरपुर में चल रहे आर्किटेक्चर डिग्री कोर्स को मान्यता नहीं दी है। लंबे समय से यहां बिना काउंसिल की अनुमति के आर्किटेक्चर की पढ़ाई हुई है। इस साल कुछ विद्यार्थी संस्थान से आर्किटेक्चर की डिग्री पूरी करने के बाद प्रैक्टिस करने लगे, जिससे इस बात का पता चला। डिग्री कोर्स के बाद प्रैक्टिस करने के लिए काउंसिल से लाइसेंस लेना आवश्यक है। काउंसिल की मान्यता प्राप्त संस्थान को उसी शर्त पर काउंसिल से लाइसेंस मिलता है। विद्यालय में प्रवेश करते ही हर विद्यार्थी को पंजीकरण नंबर मिलता है। वह डिग्री पूरी करने के बाद आर्किटेक्चर काउंसिल में लाइसेंस के लिए आवेदन करता है, इसी संख्या के आधार पर। एनआईटी हमीरपुर में इस प्रकार बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। 2010-11 से एनआईटी में आर्किटेक्चर डिग्री कोर्स शुरू हुआ है।

वर्तमान में आर्किटेक्चर विभाग में लगभग 58 सीटें बनाई गई हैं। यहां देश भर से विद्यार्थी आर्किटेक्चर पढ़ रहे हैं। यहां स्नातकोत्तर शिक्षा भी दी जाती है, लेकिन संस्थान ने अभी तक आर्किटेक्चर काउंसिल से अनुमोदन नहीं लिया है। दरअसल, देशभर के सभी आर्किटेक्चर संस्थानों को हर साल काउंसिल से नवीनीकरण के लिए आवेदन करना होता है। संस्थान में आवश्यक सुविधाओं को जांचने के लिए काउंसिल से विशेषज्ञों की एक टीम निरीक्षण करती है। शर्तों को पूरा करने के बाद ही मान्यता मिलती है और संस्थानों को मान्यता नवीनीकरण दिया जाता है। हमीरपुर एनआईटी में भारी चूक कैसे हुई? NIIT हमीरपुर के निदेशक प्रो. एचएम सूर्यवंशी ने कहा कि मामला विचाराधीन है। संस्थान ने मंत्रालय के माध्यम से आर्किटेक्चर काउंसिल में मान्यता की मांग की है। समस्या जल्द ही हल होगी।



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