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हिमाचल किसान सभा का अधिवेशन हमीरपुर में हुआ संपन्न, विभिन्न समस्याओं पर की गई चर्चा।

हिमाचल किसान सभा का अधिवेशन हमीरपुर में संपन्न हुआ। जिसमें किसान सभा के राज्य अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर, राज्य महासचिव होतम स...

हिमाचल किसान सभा का अधिवेशन हमीरपुर में संपन्न हुआ। जिसमें किसान सभा के राज्य अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर, राज्य महासचिव होतम सौंखला ने किसान सभा के इतिहास व इतिहास में लड़ी गई लड़ाइयां पर विस्तार से चर्चा की। मौजूदा समय में किसान आंदोलन की प्रासंगिकता और किसानों से समक्ष आ रही समस्याएं और उनके समाधान पर विस्तार से बात रखी। उन्होंने कहा कि  किसान सभा पूरे देश में किसानों का सबसे बड़ा संगठन है और हिमाचल प्रदेश में भी किसानों और बागवानों की मांगों को उठाने में अग्रिम भूमिका अदा करता है। हमीरपुर में किसानों की आवाज उठाने के लिए कोई संगठन नहीं रहा है और जो भी किसानों के संगठन रहे हैं उनका उद्देश्य मात्र चुनाव तक सीमित रहता है। हमीरपुर जिला में बड़े पैमाने पर लोग अभी भी किसानी के साथ जुड़े हैं जिसमें मक्की का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है। परंतु यहां विक्रय केंद्र नहीं है। जो मक्की की फसल पैदा होती है उसको बेचने की व्यवस्था न होने के चलते होने पौने दामों में बाहर के राज्यों से आने वाले लोगों को या अन्य विचलियों के पास मक्की बेचनी पड़ती है । इसके साथ जिला हमीरपुर में फोर लेन और नेशनल हाईवे और धौलासिद्ध प्रोजेक्ट लगने से जो जमीन का अधिकरण किया जा रहा है वह भी बहुत कम दाम देकर किसानों की जमीन को हड़प्पा जा रहा है।  हमीरपुर जिला के अंदर लोग बड़े पैमाने पर खेती से जुड़े हैं जिसमें पशुपालक भी शामिल हैं परंतु सरकार की तरफ से इनके लिए सब्सिडी पर पशुओं का चारा आदि खरीदने के लिए मदद नहीं की जा रही है अगर खेती को सरकार सहारा दे तो लोग जो अपने घर बार छोड़कर कमाने के लिए राज्य से बाहर जाते हैं अपने जमीन को संभालते हुए अपने घर गांव में भी आय के साधन पर फसलों का उत्पादन कर सकते हैं। क्योंकि हिमाचल प्रदेश में 67% भूमि वन अधिकार क्षेत्र वन भूमि है जो केंद्र सरकार के अधीन है और हिमाचल प्रदेश के पास बहुत कम जमीन है। उसमें भी कई परिवार ऐसे हैं जिनके पास एक - दो मरला ही जमीन है और मकान बनाने के लिए तक के लिए जगह नहीं है हिमाचल किसान सभा सरकार से मांग करती है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के आधार पर प्रत्येक परिवार को 10 कनाल भूमि सुनिश्चित करें और केंद्र सरकार अगर मन अधिकार कानून में संशोधन करती है तो किसानों को यह जमीन मुहैया कराई जा सकती है। आज के अधिवेशन में चर्चा में भाग लेते हुए किसानों ने अलग-अलग समस्याओं पर अपनी बात रखी और आने वाले समय में किसानों की मांगों परe एकजुट होकर संगठित होकर आवाज उठाने का संकल्प दोहराया और आवाहन किया कि 20 सितंबर को जो भी फसलों को और  घरों का नुकसान बरसात में हुआ है और सरकार के द्वारा किसी तरीके की कोई मदद नहीं दी जा रही है के विरोध में जिला मुख्यालय पर आवाज बुलंद की जाएगी। आज अधिवेशन में रंजन शर्मा को किसान सभा का संयोजक चुना गया जबकि कुलदीप सिंह  और उर्मिला को सहसंयोजक चुना गया इसके साथ 21 सदस्य कमेटी का भी चुनाव किया गया जो आने वाले समय में हमीरपुर जिला में किसानों की समस्याओं को उठाने और किसानों को संगठित करने की जिम्मेदारी संभालेंगे।

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