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Una News: मारपीट और हत्या के प्रयास के दोषी पांच वर्ष कठोर कारावास

        अखण्ड भारत दर्पण (ABD) न्यूज़ जिला                               ब्यूरो अंकुश शर्मा ! ऊना। एलडी स्पेशल जज कोर्ट नंबर-दो ...

        अखण्ड भारत दर्पण (ABD) न्यूज़ जिला                               ब्यूरो अंकुश शर्मा !

ऊना। एलडी स्पेशल जज कोर्ट नंबर-दो ऊना की अदालत ने आठ वर्ष पुराने मारपीट और हत्या के प्रयास मामले में पंजावर निवासी व्यक्ति को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार दिया है। मामले में पीड़ित को 15,000 रुपये मुआवजा भी देने के आदेश दिए गए हैं। हत्या के प्रयास में सबसे अधिक पांच वर्ष कठोर कारवास की सजा और दस हजार रुपये जुर्माना अदा करने के निर्देश दिए गए हैं। दोषी वरिंद्र सिंह निवासी अपर पंजावर तहसील एवं जिला ऊना का रहने वाला है।
दोषी वरिंद्र सिंह की पांच वर्ष की सजा के दौरान अन्य धाराओं के तहत दी गई सजाएं भी साथ-साथ चलेंगी। दोषी वरिंद्र सिंह को यहां आईपीसी की धारा 307 के तहत अपराध के लिए पांच साल कठोर कारावास और 10000 रुपये जुर्माना अदा करना होगा। जुर्माना न भरने की दशा में छह माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। वहीं, आईपीसी की धारा 324 के तहत अतिरिक्त तीन वर्ष का साधारण कारावास एवं 5000 जुर्माना, आईपीसी धारा 506 के तहत दो वर्ष अतिरिक्त साधारण कारावास और 5,000 रुपये का जुर्माना भी अदा करना होगा। दोनों धाराओं में जुर्माना अदा न करने पर तीन-तीन महीने अतिरिक्त साधारण कारवास भुगतना पड़ेगा।
जिला न्यायवादी एकलब्य ने बताया कि ग्राम पंचायत अपर पंजावर के उप प्रधान जगजीत सिंह ने पुलिस को बताया कि 21 सितंबर 2015 को रात्रि लगभग 8.00 बजे घर के पास लड़ाई-झगड़े की आवाज सुनाई दी। वह अपनी पत्नी के साथ बाहर आया और देखा कि वीरेंद्र सिंह ने अंजू मनकोटिया के मुंह, चेहरे और गर्दन पर दराती से हमला कर घायल कर दिया। अंजू की मां ने उसे बचाने की कोशिश की। जगजीत और उसकी पत्नी के बीच बचाव से अंजू को वीरेंद्र की पिटाई से बचाया गया। इस बीच वीरेंद्र सिंह मौके से भाग गया। घायल अंजू को क्षेत्रीय अस्पताल ऊना मेंं भर्ती कराया गया। हरोली पुलिस ने बयान दर्ज करते हुए हत्या के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया। चार्जशीट दाखिल होने के बाद मामला कोर्ट में चला। कोर्ट में अभियोजन पक्ष की पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक पूजा धीमान ने की। आरोपियों पर दोष सिद्ध करने के लिए अभियोजन पक्ष ने 22 गवाहों से पूछताछ की गई। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद वरिंद्र सिंह को दोषी करार दिया है।

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