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इस बार दीवाली गिफ्ट पैक में स्वाद और सेहत के साथ महिला सशक्तिकरण का भी संदेश

  ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण को मंडी जिला प्रशासन की एक और महत्वपूर्ण पहल डीआरडीए मंडी ने तैयार किए स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के ...

 ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण को मंडी जिला प्रशासन की एक और महत्वपूर्ण पहल

डीआरडीए मंडी ने तैयार किए स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के "गिफ्ट पैक - मण्डीया रा भोज"
मंडी, 8 नवंबर । ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर मंडी जिला प्रशासन ने एक और महत्वपूर्ण पहल की है। जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) मंडी ने जिले के स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के सुंदर पैकेजिंग के साथ ‘गिफ्ट पैक - मण्डीया रा भोज" तैयार किए हैं। इनमें स्थानीय स्तर पर तैयार किए जा रहे कोदो के बिस्कुट, कोदो के लड्डू, पंचगव्य दीये, सोयाबीन की बर्फी, शहद और हल्दी जैसे उत्पाद हैं। इस तरह इन उपहारों में स्वाद और सेहत के साथ महिला सशक्तिकरण का भी संदेश निहित है। दीवाली के लिए तैयार इन खास गिफ्ट पैक को डीआरडीए मंडी के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा इन्हें मंडी की इंदिरा मार्केट में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत खुली दुकान में भी बिक्री के लिए रखा गया है।
अतिरिक्त उपायुक्त मंडी निवेदिता नेगी ने इसे ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए जिला ग्रामीण विकास अभिकरण द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत किया एक समर्पित प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने और उनके द्वारा निर्मित श्रेष्ठ उत्पादों को व्यापक पहचान व मार्केट देना है। इस बार दीपावली के लिए प्रारंभिक तौर कुछ ही गिफ्ट पैक तैयार किए गए हैं। इस पर लोगों की प्रतिक्रिया तथा मांग को देखते हुए आगे सामान्यतः उपहार देने में उपयोग के लिए बड़े पैमाने पर इस प्रकार से गिफ्ट पैक तैयार करने की योजना है।
उन्होंने कहा कि आगे हमारी यह भी योजना है कि विभिन्न विभागों, कॉर्पोरेट हाउसेज को भी इसमें जोड़ें, जिससे वे उनके विविध आयोजनों में उपहार देने के लिए स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के सुंदर पैकेजिंग वाले इन ‘गिफ्ट पैक’ का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित हों।
निवेदिता नेगी ने बताया कि इसके अलावा जिले में हिम ईरा विक्रय केन्द्रों व साप्ताहिक विक्रय केन्द्रों के माध्यम से भी स्वयं सहायता समूहों को अपने उत्पादों की प्रदर्शनी व बिक्री के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान किए जा रहे हैं, ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर हो सकें। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे स्वयं सहायता समूहों को सशक्त करने में भागीदारी करें। उनके उत्कृष्ट उत्पादों बाजरा मिठाई, सोया मिठाई, शहद, जैविक हल्दी पाउडर, हर्बल चाय, पंचगव्य दीप कोदो के लड्डू और बिस्कुट इत्यादि की खरीदारी करें। इससे महिलाओं के स्वावलंबन के प्रयासों को नई गति व ऊर्जा मिलेगी।
वहीं, डीआरडीए मंडी के परियोजना अधिकारी जी.सी. पाठक ने बताया कि जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत 8142 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है, जिनमें 62414 परिवार की महिलाओं को जोड़ा गया है। इनमें से अधिकतर कृषि और गैर कृषि आजीविका के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। इस योजना में स्वयं सहायता समूहों को प्रावधानों के अनुरूप विभिन्न लाभ प्रदान किए जा रहे हैं। वहीं, मोटे अनाज की खेती के लिए ‘श्री अन्न से समृद्धि’ योजना के माध्यम से भी महिलाओं को प्रोत्साहित व प्रशिक्षित किया जा रहा है। इन गिफ्ट पैक में इस प्रकार के शुद्ध तथा स्वास्थ्यपरक उत्पाद रखे गए हैं।

क्या कहते हैं जिलाधीश
जिलाधीश मंडी अरिंदम चौधरी का कहना है मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सोच के अनुरूप जिला प्रशासन प्रत्येक उद्यमशील महिला के स्वावलंबन लिए प्रतिबद्ध है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए समर्पित प्रयास किए जा रहे हैं। स्थानीय स्तर पर तैयार उत्पादों के गिफ्ट पैक बनाने तथा उन्हें व्यापक पहचान व मार्केट उपलब्ध कराने पर बल दिया जा रहा है ताकि वे सामाजिक-आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें।

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