Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Grid

GRID_STYLE

Hover Effects

TRUE

Breaking News

latest

Ancestral Agricultural Land : लाखों लोगों के लिए जरूरी खबर, पैतृक कृषि भूमि सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

भूमि पर मालिकाना हक (Owner's right) और बंटवारे को लेकर आए दिन वाद-विवाद के मामले सामने आते रहते हैं।  पहले ज्यादातर मामलों में देखा गया ...

भूमि पर मालिकाना हक (Owner's right) और बंटवारे को लेकर आए दिन वाद-विवाद के मामले सामने आते रहते हैं।  पहले ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि संयुक्त परिवार में कृषि भूमि को एक हिस्सेदार दूसरे हिस्सेदार से पूछे बिना बेच सकता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हिमाचल हाई कोर्ट के फैसले को सही मानते हुए बताया है कि अब भूमि को बेचने से पहले एक हिस्सेदार को दूसरे हिस्सेदार से सहमति लेनी होगी। आइए नीचे खबर में विस्तार से समझते हैं- 

HR Breaking News (ब्यूरो)। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) के फैसले को सही ठहराते हुए स्पष्ट किया कि हिंदू उत्तराधिकारी अधिनियम की धारा 22 कृषि भूमि पर भी लागू होगी। धारा 22 के अनुसार संयुक्त हिंदू परिवार की संपत्ति का बंटवारा होने से पहले यदि उत्तराधिकार में मिली संपत्ति को कोई एक सदस्य बेचना चाहे, तो अन्य वारिस उस संपत्ति को खरीदने का दावा प्राथमिकता के आधार पर कर सकते हैं यानी संपत्ति को किसी तीसरे व्यक्ति को बेचने से पहले अन्य वारिसों की सहमति जरूरी होगी।

इस व्यवस्था से पहले कृषि भूमि को हिस्सेदार किसी अन्य खरीदार को दूसरे हिस्सेदार से बिना पूछे बेच सकता था। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने स्पष्ट किया था कि हिंदू सक्सेशन एक्ट के प्रावधान कृषि भूमि से जुड़े विवादों पर भी लागू होंगे। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी की खंडपीठ ने दो विरोधाभासी एकल पीठों के निर्णयों पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए यह निर्णय सुनाया था।

2008 में हाइकोर्ट की एकलपीठ ने फैसला सुनाया था कि हिंदू सक्सेशन एक्ट के प्रावधान कृषि भूमि की बिक्री पर लागू नहीं होते। 2015 में पारित फैसले में दूसरी एकलपीठ ने यह निर्णय सुनाया कि हिंदू सक्सेशन एक्ट के प्रावधान कृषि भूमि की बिक्री पर लागू होते हैं। इसके बाद दो विरोधाभासी फैसलों के ध्यान में आने के बाद एकल पीठ ने इस मामले को हाईकोर्ट की खंडपीठ के समक्ष उचित फैसले के लिए भेजा था।

UP के बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ा अपडेट, अब इतना बिजली बिल बकाया होने पर कट जाएगा कनेक्शन

जिस पर खंडपीठ ने 2015 में पारित फैसले को सही करार देते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि हिंदू सक्सेशन एक्ट की धारा 22 के मुताबिक कृषि योग्य भूमि सहित सभी तरह की भूमि से जुड़े विवादों के लिए हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे। इस फैसले के आधार पर न्यायाधीश सीबी बारोवलिया ने सात मई 2018 को बाबू राम की अपील को खारिज करते हुए उक्त व्यवस्था को उचित ठहराया था। बाबू राम ने सुप्रीमकोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।

No comments