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जिस देश में विश्वगुरू का नोबेल पुरस्कार चोरी हो वहां कुछ भी हो सकता है:प्रहलाद प्रसाद उर्फ पारो शैवलिनी।

अखण्ड भारत दर्पण (ABD) न्यूज पश्चिम बंगाल : पश्चिम बर्धमान के चित्तरंजन रेलनगरी में बुधवार की सुबह विश्वगुरू रवीन्द्रनाथ की जयंत...

अखण्ड भारत दर्पण (ABD) न्यूज पश्चिम बंगाल : पश्चिम बर्धमान के चित्तरंजन रेलनगरी में बुधवार की सुबह विश्वगुरू रवीन्द्रनाथ की जयंती मनायी गई। स्थानीय विवेकानंद पार्क में आयोजित इस कार्यक्रम में एक अहम मुद्दे पर सवाल खडा करते हुए कवि-रचनाकार पारो शैवलिनी ने कहा कि जिस देश में विश्वगुरू का नोबेल पुरस्कार की चोरी हो सकती है,उस देश में कुछ भी हो सकता है। 
विवेकानंद सांस्कृतिक कमिटि द्वारा आयोजित इस संगोष्टी में रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा रचित बंगला रवीन्द्र संगीत के साथ-साथ गीत,कविता पाठ,नृत्य आदि की प्रस्तुति से विवेकानंद उद्यान में उपस्थित समस्त श्रोतासुधीजन भावविभोर हो गये। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो शांतिनिकेतन में गीतांजलि की गोद में समा कर पूरा वातावरण रवीन्द्रमय हो उठा हो। कवि-साहित्यकारों में रमाकांत मंडल,विराज गांगुली,वासंत मजुमदार, कल्याण, शुभ्रा आदि ने अपनी विभिन्न कला व संस्कृति से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया। प्रदीप बनर्जी ने संचालन किया जबकि सुभाष बोस ने धन्यवाद देकर कार्यक्रम के समाप्ति की घोषणा की।

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