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विश्व योग दिवस पर जिला कलक्टर कार्यालय परिसर में जिला स्तरीय सामुहिक योगाभ्यास , योग को बनायें दिनचर्या का हिस्सा : प्राचार्या सुधा मदान

बालोतरा:ABD NEWS राजस्थान राज्य ब्यूरो (असरफ मारोठी)   शांति निकेतन विद्यालय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी अयूब के. सिलावट ने बताय...

बालोतरा:ABD NEWS राजस्थान राज्य ब्यूरो (असरफ मारोठी) शांति निकेतन विद्यालय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी अयूब के. सिलावट ने बताया कि योग से निरोग! भारत की इस अमूल्य विरासत से आज पूरा विश्व को लाभान्वित किया जा रहा है।10 वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस अवसर पर बालोतरा जिला कलेक्टर प्रांगण में आयोजित जिला स्तरीय सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में पूर्व राजस्व मंत्री अमराराम चौधरी, जिला कलेक्टर सुशील कुमार यादव, नगर परिषद सभापति सुमित्रा देवी जैन, स्कूल बोर्ड ऑफ़ मैनेजमेंट सदस्य प्रकाश श्रीश्रीमाल, पुलिस विभाग के अधिकारीगण, चिकित्सा विभाग, शिक्षा विभाग, सामाजिक संस्थाएं, नागरिक एवं विद्यार्थियों समेत सैकड़ों लोगों ने किया सामूहिक योगाभ्यासl
इस अवसर पर शांति निकेतन स्कूल की प्राचार्या सुधा मदान ने बताया कि योग दिवस हमारे देश की परंपरा, विरासत और संस्कृति के प्रति कृतज्ञता दिखाने का एक अवसर है। योग की शिक्षा हमें अपने पूर्वजों से मिली है। इसको संपूर्ण मानवता के साथ जोड़ना होगा, मानवता के अनुकूल देश, समाज, काल परिस्थितियों से बाधित होकर भी योग संपूर्ण मानवता के कल्याण मार्ग को प्रशस्त करता है। हम सभी योग से जुड़कर संपूर्ण मानवता को भी योग से जोड़ना होगा, यही हमारे पूर्वजों और विरासत के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धा होगी।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जिला कलेक्टर सुशील कुमार यादव ने कहा कि भारत की इस परंपरा के प्रति इसी श्रद्धा को व्यक्त करने का योग ही एक माध्यम बना हैl हमारे पूर्वजों व विरासत के प्रति इससे बढ़कर कोई सम्मान नहीं होगा, हम सबका यह सौभाग्य है कि योग दिवस के अवसर पर हम अपनी विरासत का स्मरण करते हुए भारत की ऋषि परंपरा के प्रति श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं। ये अवसर हमें देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रदान किया, जिनके विजन और प्रयासों का परिणाम है कि आज दुनिया के लगभग पौने दो सौ देश अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के साथ जुड़कर भारत की इस विरासत के साथ खुद को जोड़कर हमारी संस्कृति और परंपरा को गौरवान्वित करने का प्रयास कर रहे हैं।  जिला कलेक्टर यादव ने कहा कि हमारी अपनी परंपरा और पूर्वजों की विरासत के प्रति इससे बड़ा सम्मान और कोई नहीं हो सकता ''मैं कामना करता हूं कि योग के आचरण से हम अपने अंदर शीतलता लाकर आज संकल्प लाएं जिसके आधार पर प्रेम की भावना के साथ परिवार में, समाज में व अपने कार्य में एक नई सचेतना के साथ हम सभी आगे बढ़ें।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पूर्व राज्य मंत्री अमराराम चौधरी ने कहा कि हम सभी भलीभांति जानते हैं कि योग एक संपूर्ण विधा है, जो हमें शारीरिक और मानसिक रूप से एकजुट करता है। भारत की ऋषि परंपरा को देखें तो उन लोगों के पास कितनी दूरदर्शिता थी, किस तरह उन्होंने समाज को जोड़ा, धर्म को योग के साथ जोड़ने का इस तरह इस रुप में जोड़कर किया अभिनव प्रयास । "शरीर माध्यम खलु धर्म साधनम्", अर्थात सभी कार्य तभी पूर्ण हो सकते हैं जब आपके शरीर के साथ काया स्वस्थ है तो मन भी स्वयं स्वस्थ होगा, योग में हर किसी के लिए अलग-अलग योग विद्याएं हैं। बालक हों, युवा हों, अधेड़ हों या फिर बुजुर्ग हों, सभी योग का अभ्यास करके खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रख सकते हैं।

 पीएम मोदी ने विश्व में योग को दिलाईं अलग पहचान

"योग भारत की आध्यात्मिक क्षमता का एक महत्वपूर्ण अंग है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण योग को विश्व में एक विशेष स्थान दिलाने का था और उसे वह विशेष स्थान पिछले दस वर्षों में मिला है. अब हर वर्ष इस दिन, विश्व भर में योग दिवस मनाया जाता है." सदियों पहले सबसे लोकप्रिय संस्कृत कवियों में से एक भर्तृहरि ने योग की विशेषता पर प्रकाश डालते हुए कहा 
गंभीरतां यस्य पिता क्षमा च जननी शांतिश्चिरं गेहिनि
सत्यं सूर्यं दया च भगिनी भ्राता मनः संयमः।
सयै भूमितलं दिशोस्पि वसनं ज्ञानामृतं भोजनं
एते यस्य कुतिम्बिनः वद सखे कस्माद् भयं योगिनः।
तात्पर्य यह है कि नियमित रूप से योगाभ्यास करने से व्यक्ति कुछ अच्छे गुणों को अपना सकता है, जैसे साहस जो पिता की तरह रक्षा करता है, क्षमा माँ के समान होती है और मानसिक शांति जो स्थायी मित्र बन जाती है। योग के नियमित अभ्यास से सत्य हमारा बच्चा बन जाता है, दया हमारी बहन बन जाती है, संयम हमारा भाई बन जाता है, पृथ्वी हमारा बिस्तर बन जाती है और ज्ञान हमारी भूख मिटाता है।

योग को बनाएं दिनचर्या का हिस्सा:- मदान
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस जिस थीम 'योग सबके लिए' के साथ पूरी दुनिया में आयोजित हो रहा है, इसका अर्थ है कि इसमें कोई भेद नहीं है। इसमें जाति का भेद नहीं है, क्षेत्र का, भाषा का, काल का, देश का भेद नहीं है। मेरी अपील है कि योग को नियमित अभ्यास का हिस्सा बनाएं। एक समय आपको स्वयं अहसास होगा कि जो भी समय आपने योग के लिए समर्पित किया है वो आपके स्वस्थ और दीर्घ जीवन के लिए, आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अति उत्तम रहा है। यदि नियमित दिनचर्या के साथ इसको आगे बढ़ाएंगे तो इसका हमें भरपूर लाभ प्राप्त होगा।
इस अवसर पर अमित दवे ने मंच का सफल संचालन किया l  जिला कलेक्टर प्रांगण में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अवसर पर बड़ी संख्या में योग साधकों व प्रशिक्षकगणों द्वारा पूरे उत्साह से सामूहिक योगाभ्यास में हिस्सा लिया गया।

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