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अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई बड़े देशों में मुस्लिम छोड़ रहे इस्लाम, प्यू रिपोर्ट से हुआ हैरान कर देने वाला खुलासा

  अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई बड़े देशों में मुस्लिम छोड़ रहे इस्लाम, प्यू रिपोर्ट से हुआ हैरान कर देने वाला खुलासा Muslims left Islam:  इस्लाम...

 अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई बड़े देशों में मुस्लिम छोड़ रहे इस्लाम, प्यू रिपोर्ट से हुआ हैरान कर देने वाला खुलासा



Muslims left Islam: इस्लाम दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म है, फोर्ब्स ने अनुमान लगाया है कि आने वाले समय में भी पूरी दुनिया में मुसलमानों की संख्या तेजी से बढ़ेगी. साल 2050 तक मुसलमानों की संख्या क्रिश्चियन के बराबर होने का अनुमान है.

लेकिन प्यू रिसर्च ने जो आंकड़े पेश किए हैं, वह चौंकाने वाले हैं. प्यू रिसर्च ने कुछ देशों में इस्लाम धर्म छोड़ने वालों का आंकड़ा पेश किया है, वो भी एक अलग तस्वीर पेश करती है.

प्यू ने बताया कि हर साल इस्लाम छोड़ने वाले लोगों की सटीक संख्या बताना काफी मुश्किल भरा काम है, क्योंकि धर्म छोड़ने के कई कारण हैं. सभी मामलों को सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट या दस्तावेजित नहीं किया जाता है. हालांकि, यहां कुछ अनुमान और आंकड़े पेश किए गए हैं. प्यू रिसर्च सेंटर की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 1.3 मिलियन मुसलमानों ने इस्लाम धर्म छोड़ दिया था. यह संख्या देश के सभी मुसलमानों का लगभग 23 प्रतिशत रहा था.

ब्रिटेन में 1 लाख लोग हर साल छोड़ रहे इस्लाम

यूनाइटेड किंगडम के टाइम्स अखबार की 2020 की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि ब्रिटेन में हर साल लगभग 1 लाख मुसलमान इस्लाम धर्म छोड़ रहे हैं. इसके अलावा जर्मन के अखबार डाई वेल्ट की 2020 की रिपोर्ट में इस बात का अनुमान लगाया गया है कि जर्मनी में हर साल लगभग 10 हजार से 20 हजार मुसलमान इस्लाम धर्म छोड़ देते हैं.

ऑस्ट्रेलिया में भी इस्लाम छोड़ रहे लोग

ऑस्ट्रेलिया से भी इस्लाम धर्म छोड़ने की खबर है. ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (एबीसी) की 2019 की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि हर साल लगभग 1500 मुसलमान इस्लाम धर्म छोड़ रहे हैं. यहां यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये संख्याएं अनुमान हैं. इसे पूरी तरह से सटीक नहीं माना जा सकता है. क्योंकि धर्म छोड़ने के कई मामले विभिन्न कारणों से रिपोर्ट नहीं किए जाते है. माना जाता है कि सामाजिक बहिष्कार का डर, पारिवारिक दबाव या सुरक्षा संबंधी चिंताओं की वजह से इसके सटीक आंकड़े इकट्ठा नहीं किए जाते हैं.

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