हिमाचल प्रदेश में सडक़ दुर्घटनाएं रोकने को सरकार नए सिरे से एक्शन प्लान बनाएगी। इसी महीने जुलाई में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक होगी, ज...
हिमाचल प्रदेश में सडक़ दुर्घटनाएं रोकने को सरकार नए सिरे से एक्शन प्लान बनाएगी। इसी महीने जुलाई में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक होगी, जिसमें एक्शन प्लान बनाया जाएगा। इसमें परिवहन विभाग पहले से ज्यादा बजट की डिमांड करेगा वहीं कुछ नए प्रयास करने को लेकर भी मंजूरी ली जाएगी। हिमाचल प्रदेश में सरकार के प्रयासों से लोगों में जागरूकता जरूर आई है वहीं कई दूसरे उपाय करने से यहां पर सडक़ हादसों में भी कमी देखने को मिली है। परिवहन विभाग ने सडक़ सुरक्षा को लेकर अलग से विंग काम कर रहा है, जो सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के निर्देशों पर काम करता है। सुप्रीम कोर्ट की कमेटी को इनके माध्यम से समय-समय पर हिमाचल से संबंधित रिपोर्ट भी जाती है। इस विंग में चार अलग-अलग विभागों के अधिकारी रखे गए हैं, जिसमें परिवहन, पुलिस, शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर स्तर के अधिकारियों को कार्यभार दिया है। प्रदेश में लगभग 70 लाख की आबादी में साढ़े 22 लाख वाहन हैं, जिनमें से साढ़े तीन लाख वाहन कामर्शियल हैं और 15 लाख 90 हजार लोगों के पास ड्राइविंग लाइसेंस हैं।
सडक़ सुरक्षा के लिए जो अधिकारी काम करते हैं उनमें 12 आरटीओ हैं, तो 82 आरएलए हैं जो परिवहन विभाग के काम के साथ सडक़ सुरक्षा का जिम्मा भी प्रदेश में देख रहे हैं। सडक़ सुरक्षा सेल के माध्यम प्रदेश में दुर्घटनाओं की रोकथाम के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम किया जाता है। वह प्रदेश भर में ट्रेनिंग करवाते हैं, वर्कशॉप करवाई जाती है और खासकर स्कूल व कालेज के बच्चों को इसमें जोडक़र उनके माध्यम से जागरूकता फैलाने का काम किया जाता है। प्रदेश के 1900 स्कूलों, 135 कालेजों में रोड़ सेफ्टी क्लब बनाए हैं। जगह-जगह पर सडक़ दुर्घटनाओं पर जागरूक करने के लिए प्रदर्शनियां लगाई जाती हैं वहीं मेलों आदि में भी रोड सेफ्ट के प्रति जागरूकता के लिए विशेष आयोजन किए जाते हैं।
सडक़ हादसे रोकने को सख्त बनेंगे नियम
आने वाले समय के लिए एक्शन प्लान बनाने की तैयारी चल रही है। भविष्य में नियमों को और अधिक कड़ा करके सडक़ दुर्घटनाओं को रोकने की कोशिश की जाएगी। गाडिय़ों की फिटनेस पर आने वाले समय में ज्यादा कड़ाई करने की सोची जा रही है। इनके लिए परिवहन विभाग ऑटोमेटिक टेस्टिंग स्टेशन बनाए जाएंगे जिन पर लगभग काम शुरू हो गया है। चालकों को ड्राइविंग टेस्ट भी ऑटोमेटिक प्रक्रिया से होगा, जिसमें किसी तरह की कोई कमी नहीं रहेगी। सभी तरह की प्रक्रियाओं को करने के लिए विभाग पूरी तरह से ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ा जा रहा है, जिससे वाहन मालिकों को भी आसानी रहेगी।
प्रदेश में ब्लैक स्पॉट खत्म
सडक़ दुर्घटनाएं रोकने के लिए ब्लैक स्पॉट को भी पूरी तरह से खत्म कर दिया है। इन पर काम कर दिया है, जिसकी रिपोर्ट भी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की कमेटी को भेजी गई है। बता दें कि वर्ष 2022 में प्रदेश में 2597 दुर्घटनाएं दर्ज की गई थीं जबकि पिछले साल 2023 में 2253 दुर्घटनाएं हुईं। इसमें 13.24 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। दुर्घटनाओं में वर्ष 2022 में 1032 मौत दर्ज की गई जबकि 2023 में 889 लोगों की मौत हुई। ऐसे कुछ आंकड़े हैं, जो दिखाते हैं कि प्रदेश में हादसों में कमी हो रही है।
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