Zorawar Tank: भारत के सबसे हल्के टैंक जोरावार की झलक आई सामने, 2027 तक भारतीय सेना में शामिल होने की उम्मीद जोरावर लाइट वेट टैंक है, जिसे भ...
Zorawar Tank: भारत के सबसे हल्के टैंक जोरावार की झलक आई सामने, 2027 तक भारतीय सेना में शामिल होने की उम्मीद
जोरावर को रिकॉर्ड दो सालों में तैयार किया
शनिवार को डीआरडीओ ने गुजरात के हजीरा में अपने लाइट बैटल टैंक जोरावर एलटी (Zorawar Tank) की झलक दिखाई। डीआरडीओ ने इस टैंक को लार्सन एंड टूब्रो के साथ मिल कर तैयार किया है। वहीं, शनिवार को डीआरडीओ के चीफ डॉ. समीर वी कामत ने इस टैंक का जायजा लिया। खास बात यह है कि इस टैंक को रिकॉर्ड दो सालों में तैयार किया गया है। जल्द ही लद्दाख में इसके ट्रायल शुरू किए जाएंगे, जिनके अगले 12-18 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है। खास बात यह है कि भारत अब डिफेंस इक्विमेंट्स के मामले में आत्मनिर्भर हो रहा है। भारत अब अपने रक्षा उपकरण खुद बना रहा है। डीआरडीओ प्रमुख डॉ. कामत ने उम्मीद जताई कि सभी परीक्षणों के बाद इस टैंक को वर्ष 2027 तक भारतीय सेना में शामिल किए जा सकता है।
दौलत बेग ओल्डी में फंस गया था टी-72 टैंक
अभी हाल में पूर्वी लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी में सासेर ब्रांगसा इलाके में नदी में टैंक अभ्यास के दौरान रूसी टी-72 टैंक रात में नदी पार कर रहा था। श्योक नदी में अचानक जल स्तर बढ़ने के कारण वह टैंक फंस गया, जिसमें जेसीओ समेत पांच जवान शहीद हो गए थे। उस हादसे के बाद सैन्य हलकों में सवाल उठाए जा रहे थे कि हाई एल्टीट्यूड इलाके में टी-72 जैसे भारी टैंकों का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है। सेना को जल्द से जल्द हल्के टैंक लाने चाहिए। वहीं, जोरावर अपने हल्के वजन और एंफीबियस क्षमताओं के चलते यह टैंक भारी वजन वाले टी-72 और टी-90 टैंकों की तुलना में अधिक आसानी से पहाड़ों की खड़ी चढ़ाई और नदियों और नालों को पार कर सकता है। एलएंडटी के कार्यकारी उपाध्यक्ष अरुण रामचंदानी ने कहा कि एलटी के साथ विकसित इस मॉडल ने बड़ी सफलता हासिल की है और इसे बहुत कम समय में तैयार किया गया है। वहीं यह टैंक चीनी सेना का मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना की आवश्यकताओं को पूरा करता है।
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