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बलिया में पकड़ा गया पुलिस वालों का वसूली रैकेट, प्रभारी समेत पूरी चौकी निलंबित

  बलिया में पकड़ा गया पुलिस वालों का वसूली रैकेट, प्रभारी समेत पूरी चौकी निलंबित Uttar Pradesh News:  बलिया में पुलिस वालों की वसूली रैक...

  बलिया में पकड़ा गया पुलिस वालों का वसूली रैकेट, प्रभारी समेत पूरी चौकी निलंबित

Uttar Pradesh News: बलिया में पुलिस वालों की वसूली रैकेट का बड़ा खुलासा हुआ है। यह खुलासा खुद ही विभाग के बड़े अधिकारियों ने किया है। वाराणसी जोन के एडीजी और डीआईजी ने टी-शर्ट और जींस पहनकर यूपी बिहार बार्डर पर नरही में छापेमारी की।

इस दौरान ट्रकों से वसूली कर रहे लोगों को पकड़ना शुरू किया तो खलबली मच गई। दो पुलिस वालों और कई दलालों को पकड़ लिया गया। तीन पुलिस वाले मौके से फरार हो गए। करंडा पुलिस चौकी पर पहुंचे तो यहां भी वसूली हो रही थी। यहां मौजूद एक सिपाही को गिरफ्तार कर लिया और कुछ दलालों को भी पकड़ा।

घंटों छानबीन के बाद थाने से बाहर निकले डीआईजी वैभव कृष्ण ने मीडिया को बताया कि नरहीं थानाध्यक्ष पन्ने लाल के साथ ही थाने की कोरंटाडीह पुलिस चौकी के प्रभारी समेत वहां तैनात सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। 37 हजार 500 रुपए नकद और 14 बाइक भी पुलिस ने बरामद की है। बताया कि दो पुलिसकर्मियों और 17 दलालों को गिरफ्तार किया गया है। ये वसूली में पुलिस का सहयोग करते थे। तीन पुलिसकर्मी फरार हुए हैं। सभी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जा रहा है।

एडीजी और डीआईजी ने बुधवार की मध्य रात्रि में यूपी-बिहार की सीमा स्थित नरही थाना क्षेत्र के भरौली चौराहा पर सादी वर्दी में छापेमारी की। अधिकारियों ने यह कार्रवाई लाल बालू, मिट्टी, शराब और पशु आदि की तस्करी की शिकायत पर की। मौके से अधिकारियों ने दो पुलिसकर्मी समेत करीब 20 लोगों को हिरासत में ले लिया।

यहां से अधिकारी नरही थाना पहुंचे। वहां घंटों तक डीआईजी, एसपी, एएसपी की मौजूदगी में छानबीन की गई। आधिकारियों ने थाना प्रभारी का कमरा भी सील कर दिया और पुलिसकर्मियों के बॉक्स को खंगाला। डीआईजी ने बताया कि मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।

डीआईजी ने बताया कि नरही क्षेत्र में यूपी बिहार बार्डर पर भरौली तिराहा पर जो ट्रक आते हैं उनसे कुछ समय से वसूली की जा रही थी। इसकी सूचना हमें मिली तो पहले उसकी रेकी की गई। इसके बाद प्लान बनाकर रेड की गई। यहां पर पुलिस की तरफ से काफी संख्या में लोग दलाली करते थे। इन लोगों की गिरफ्तारी की गई है। मौके से अभी दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। तीन पुलिस वाले मौके से भाग निकले हैं।

भरौली तिराहे के आगे जो चौकी पड़ती है वहां भी वसूली हो रही थी। वहां से भी एक पुलिसवाले को पकड़ा गया है। पूरी कोरंडाडीह थाने को सस्पेंड कर दिया गया है। नरही थानेदार को भी निलंबित कर दिया गया है। करीब नौ पुलिस वालों पर एफआईआर हुई है। कुल आठ से नौक लोगों को सस्पेंड किया जा चुका है। जांच के बाद अन्य कार्रवाई होगी। यह ट्रक बिहार से आते थे। आजमगढ़ के एसपी को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। डीआईजी के अनुसार हर ट्रक से 500 रुपए की वसूली होती थी। यहां से रोज एक हजार ट्रक गुजरते हैं। ऐसे में पांच लाख रुपए रोजाना की वसूली हो रही थी।

नरहीं थाने पर हर दिन पांच लाख की वसूली

नरहीं थाना को सबसे मलाईदार क्यों कहा जाता है, इसका खुलासा गुरुवार को एडीजी और डीआईजी की छापेमारी से हो गया। डीआईजी (आजमगढ़) वैभव कृष्ण ने कहा कि प्रति ट्रक पांच सौ रुपये की वसूली होती थी। जबकि रोजाना करीब एक हजार ट्रकों की आवाजाही होती थी। डीआईजी के इस आंकड़े के हिसाब से नरहीं थाने की प्रतिदिन की वसूली पांच लाख रुपये की है। हालांकि क्षेत्रीय लोगों की मानें तो यह आंकड़ा इससे कहीं अधिक है। एक हजार ट्रकों के अलावा तमाम छोटे मालवाहक भी यहां से गुजरते हैं। उनसे भी महीने की रकम वसूली जाती है।

छापेमारी के दौरान एडीजी व डीआईजी ने नरहीं थाने में घंटों बैठकर छानबीन की। इस दौरान उन्होंने मोबाइल और अन्य समानों के साथ ही दो नोटबुक भी बरामद किया है। इसमें पिछले कुछ दिनों की वसूली का हिसाब-किताब था। पूरी पड़ताल के बाद बाहर निकले डीआईजी ने थाना परिसर में मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रति ट्रक पांच सौ रुपये की वसूली होती थी। पुलिस की ओर से जारी विज्ञप्ति में भी जिक्र है कि वसूली के लिए थाने की पुलिस ने दलालों को तैनात किया था। बदले में उन्हें भी प्रति ट्रक सौ रुपये दिए जाते थे। कुछ दलालों को बकायदा महीने की सेलरी दी जाती थी। पुलिस अधिकारियों के इस खुलासे ने विभाग में अवैध वसूली के कारोबार का काला सच उजागर कर दिया है।

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