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मुफ्त बिजली बंद करने के लिए उपभोक्ताओं के चयन में फंसा बिजली बोर्ड

मुफ्त बिजली बंद  करने   के लिए उपभोक्ताओं के चयन में फंसा बिजली बोर्ड   Himachal News:  हिमाचल प्रदेश में बिजली सब्सिडी बंद करने में अभी ...

मुफ्त बिजली बंद करने के लिए उपभोक्ताओं के चयन में फंसा बिजली बोर्ड 

Himachal News: हिमाचल प्रदेश में बिजली सब्सिडी बंद करने में अभी समय लगेगा। उपभोक्ताओं के चयन को लेकर बिजली बोर्ड प्रबंधन उलझ गया है। सरकार ने आयकर दाताओं को बिजली की दरों में सब्सिडी नहीं देने का फैसला लिया है।

बोर्ड के पास इसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं हैं कि कौन-कौन उपभोक्ता आयकर के दायरे में आते हैं। पूर्व सरकार के समय शुरू की गई कि 125 यूनिट तक प्रतिमाह निशुल्क बिजली भी अब आयकर नहीं देने वालों को ही मिलेगी। ऐसे में उपभोक्ताओं का चयन करना बोर्ड के लिए मुश्किल भरा काम हो गया है। बीते दिनों हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने राज्य के धनधान्य उपभोक्ताओं को बिजली दरों में दी जा रही सब्सिडी को बंद करने का फैसला लिया था। बाकी उपभोक्ताओं को भी अब एक परिवार-एक मीटर के आधार पर ही सस्ती बिजली देने का निर्णय हुआ है।

सरकार ने सस्ती बिजली देने के लिए उपभोक्ताओं का चयन करने को राशन और आधार कार्ड नंबर से बिजली मीटर लिंक करने का फैसला लिया है। 125 यूनिट की निशुल्क बिजली योजना बंद होने से करीब साढ़े दस लाख उपभोक्ता इस योजना से बाहर हो जाएंगे। जयराम सरकार ने साल 2022 में 14 लाख उपभोक्ताओं को निशुल्क बिजली योजना से लाभान्वित किया था। सुक्खू सरकार के नये फैसले से अब करीब साढ़े तीन लाख घरेलू उपभोक्ता ही प्रतिमाह 125 यूनिट की निशुल्क बिजली का लाभ उठा सकेंगे।

इसके अलावा एक उपभोक्ता को सिर्फ एक बिजली मीटर पर ही सब्सिडी मिलेगी। अगर किसी उपभोक्ता के नाम पर अधिक बिजली कनेक्शन होंगे तो एक को छोड़कर अन्य पर महंगी बिजली दरों के हिसाब से ही शुल्क चुकाना पड़ेगा। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में 22 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ता हैं। बिजली की खपत के हिसाब से हर स्लैब में इन उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मुहैया करवाने के लिए सरकार की ओर से बोर्ड को सब्सिडी दी जाती है। प्रदेश में ऐसे कई घरेलू उपभोक्ता हैं, जिनके नाम पर एक से अधिक बिजली मीटर लगे हैं।

प्रदेश सरकार ने आर्थिकी को मजबूत करने के लिए एक उपभोक्ता को एक ही बिजली मीटर पर सब्सिडी देने का फैसला लिया है। उपभोक्ताओं के आधार नंबर से बिजली मीटरों को जोड़ने के लिए ऊर्जा विभाग ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग से लाइसेंस लिया है। प्रदेश में होने जा रही नई व्यवस्था से मुख्य शहरों के मकान मालिकों और झुग्गी मालिकों की परेशानियां बढ़ने वाली है। राजधानी शिमला सहित मुख्य शहरों में मकान मालिकों ने कई फ्लैट किराये पर दिए हैं। इन फ्लैट्स में लगाए बिजली मीटर मकान मालिकों के नाम पर हैं। इसी तरह मैदानी जिलों विशेषकर औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास भूमि मालिकों ने झुग्गियां बसाई हैं। यहां भी भूमि मालिकों के नाम पर बिजली मीटर लगे हैं। बिजली सब्सिडी बंद होने से ऐसे उपभोक्ताओं की जेब ढीली होगी। लेकिन इस योजना को लागू करना बोर्ड के लिए आसान नहीं दिख रहा है।

निशुल्क बिजली लेने के लिए मांगे जा सकते हैं आवेदन

बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि प्रतिमाह 125 यूनिट तक निशुल्क बिजली का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं से आवेदन भी मांगे जा सकते हैं। इस दौरान उपभोक्ताओं को स्वयं आयकर के दायरे में नहीं आने के प्रमाण देने होंगे। हालांकि एक मीटर पर एक परिवार को ही सब्सिडी देना बोर्ड के लिए अधिक मुश्किल कार्य नहीं है। बोर्ड अपने सॉफ्टवेयर से यह खुद देख लेगा कि एक नाम और एक आधार कार्ड पर किस उपभोक्ता के नाम पर कितने मीटर लगे हैं। इस जानकारी को जुटाने के बाद सिर्फ एक मीटर पर ही सब्सिडी दी जाएगी।

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