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Nauni University Research: पेट, मधुमेह, बीपी और गठिया के दर्द को कम करेगा कांगड़ा चाय और सेब से बना कोंबुचा

 नौणी विवि ने पहली बार चार नए कोंबुचा वेरिएंट बनाने की तकनीक विकसित की है। वानिकी एवं बागवानी विश्वविद्यालय नौणी (सोलन) ने कांगड़ा चाय, सेब ...

 नौणी विवि ने पहली बार चार नए कोंबुचा वेरिएंट बनाने की तकनीक विकसित की है।

वानिकी एवं बागवानी विश्वविद्यालय नौणी (सोलन) ने कांगड़ा चाय, सेब और मशरूम से कोंबुचा तैयार किया है। कोंबुचा औषधीय गुणों से भरपूर होगा। यह पेट, मधुमेह, बीपी समेत गठिया दर्द को दूर करेगा। कोंबुचा के नियमित सेवन से पेट के स्वास्थ्य और पाचन में लाभ होगा। वहीं, इससे प्रतिरक्षा प्रणाली को तो बढ़ावा मिलेगा ही, बल्कि एंटी डायबिटिक, एंटी हाइपरटेंसिव और रोगाणुरोधी गुण मिलेंगे। नौणी विवि ने इस पर सफल शोध किया है, जिससे जल्द बाजार में उतारने की भी तैयारी है। वैज्ञानिकों ने एपल मिंट और औषधीय से भरपूर गैनोडर्मा मशरूम से भी कोंबुचा तैयार है

नौणी विवि ने पहली बार चार नए कोंबुचा वेरिएंट बनाने की तकनीक विकसित की है। फल विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश शर्मा ने एमएससी छात्र अरुण कुमार के साथ मिलकर कोंबुचा किस्मों को तैयार किया है। इसमें स्थानीय रूप से उपलब्ध ताजा कांगड़ा चाय की पत्तियों और अन्य कृषि उत्पादों का उपयोग किया है। कोंबुचा एक ताजा और बहुत कम अल्कोहल वाला पेय है, जो मीठी काली या हरी चाय, बैक्टीरियल, यीस्ट के कल्चर के मिश्रण से बना है। इसमें अवशिष्ट कार्बन डाइऑक्साइड के साथ थोड़ा मीठा और अम्लीय स्वाद होता है। परंपरागत रूप से कोंबुचा 5 से 15 प्रतिशत चीनी युक्त चाय से बनाया जाता है, जिसे 22 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान पर एरोबिक परिस्थितियों में 7 से 10 दिनों के लिए मिश्रित किया जाता है।

शेल्फ लाइफ को बढ़ाने पर चल रहा शोध

अनुसंधान निदेशक डॉ. संजीव चौहान ने बताया कि वैज्ञानिकों ने कोंबुचा में सेब के रस और पुदीने के अर्क की विभिन्न सांद्रता का प्रयोग किया। एपल कोंबुचा, मिंट कोंबुचा, और एपल-मिंट कोंबुचा को संवेदी स्कोर और कम अल्कोहल कंटेंट के आधार पर चुना गया। औषधीय मशरूम गैनोडर्मा फोर्टिफाइड कोंबुचा भी विकसित की गई है। विकसित उत्पादों का दो महीने के भंडारण के दौरान पोषण और गुणवत्ता मानकों के लिए विश्लेषण किया गया। विभाग ज्यादा शेल्फ लाइफ और नए वेरिएंट के अनुसंधान पर जोर दे रहा है।



विवि कृषि उपज से मूल्य वर्धित उत्पाद कर रहा विकसित

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि कृषि उपज से मूल्य वर्धित उत्पाद विकसित करने का विश्वविद्यालय का हमेशा प्रयास रहता है। कोंबुचा वेरिएंट बेहतर स्वाद और कार्यात्मक और पोषण मूल्य प्रदर्शित करते हैं और कांच की बोतलों में दो महीने तक तक स्टोर किए जा सकते हैं। उत्पादों की उत्पादन लागत बाजार में मिल रहे उत्पादों के बराबर है। News source


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