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बढ़ती उम्र में भी जरूरी है मेंटल हेल्थ की देखभाल, इन तरीकों से रखें अपने बड़े-बुजुर्गों का ख्याल

 इन दिनों लोग अपनी शारीरिक ही नहीं मानसिक सेहत का भी काफी ख्याल रखने लगे हैं। खासकर बढ़ती उम्र में अक्सर मेंटल हेल्थ से जुड़ी की समस्याएं लो...

 इन दिनों लोग अपनी शारीरिक ही नहीं मानसिक सेहत का भी काफी ख्याल रखने लगे हैं। खासकर बढ़ती उम्र में अक्सर मेंटल हेल्थ से जुड़ी की समस्याएं लोगों को अपना शिकार बना लेती हैं। ऐसे में अपने घर में मौजूद बड़े-बुजुर्गों की मेंटल हेल्थ का ख्याल रखना बेहद जरूरी हो जाता है। अगर आपके घर में भी कोई बुजुर्ग है तो आप इन तरीकों से उनका ख्याल रख सकते हैं।

उम्र बढ़ने के साथ ही सेहत से जुड़ी कई समस्याएं भी व्यक्ति को अपना शिकार बना लेती हैं। इस दौरान सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक समस्याएं भी लोगों के लिए परेशानी बनी रहती हैं। ऐसे में शारीरिक सेहत के साथ-साथ अपनी मानसिक सेहत का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी है। इन दिनों मेंटल हेल्थ लोगों की एक प्राथमिकता बन चुकी है। अच्छे खानपान और जीवनशैली के साथ मेंटल हेल्थ का बेहतर होना भी बेहद जरूरी है।


हालांकि, बढ़ती उम्र के साथ ही लोगों में मेंटल हेल्थ से संबंधित समस्याएं देखने को मिल जाती हैं, लेकिन कई लोग उनकी मेंटल हेल्थ के प्रति लोग उतना सजग और सचेत नहीं रहते हैं, जो कि गलत है। इसलिए बढ़ती हुई उम्र के साथ प्रभावित होती मेंटल हेल्थ का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं कि कैसे रखें बुजुर्गों की मेंटल हेल्थ का ख्याल–

 बढ़ती उम्र में रखें मेंटल हेल्थ का ख्याल

जीवन के इस पड़ाव पर अक्सर कई बुजुर्ग अकेले पड़ जाते हैं। ऐसे में वे उदास और गमगीन रहने लगते हैं। इनके अकेलेपन को दूर करने के लिए उन्हें ऐसे सोशल ग्रुप्स से जोड़ें, जहां उनके उम्र के कई लोग प्रतिदिन दोस्त के रूप में उनसे मिलें, जिनके साथ वह समय बिताएं और ढेरों बातें करें।

अधिकतर बुजुर्गों को बढ़ती उम्र के साथ अपने हाथ से अपनी सत्ता जाते हुए दिखती है। इनके बच्चे घर की बागडोर संभाल लेते हैं, जिस कारण बच्चे इनके ऊपर भी अपने कुछ नियम लागू करने लगते हैं। ये बातें कुछ बुजुर्ग लोगों को मानसिक तौर पर व्यथित कर देती हैं, जिससे ये आक्रामक हो सकते हैं और अनावश्यक बातों पर चिल्ला देते हैं। ऐसे में इन्हें इस बात का एहसास न कराएं कि इनका घर इनके अनुसार नहीं चल रहा है। घर के निर्णय में इनकी राय लें और उचित सम्मान दें।

अधिकतर बुजुर्ग अपने जीवन के अगले चरण यानी मृत्यु के भय से हर समय मानसिक तौर पर सहमे और डरे हुए रहते हैं। ऐसे में इन्हें जीवन के सभी सुंदर अनुभव कराना न भूलें। उन्हें उनकी इच्छानुसार पसंदीदा जगह पर ले जाएं, उन्हें नए-नए अनुभव से अवगत कराएं। ये बातें इनके दिमाग को तारोताजा बनाए रखती हैं।

अगर बुजुर्गों की मानसिक हालत किसी भी रूप में ऐसी दिखती है, जिसे आप हैंडल न कर सकें तो निःसंकोच एक्सपर्ट से राय लें और जो भी टेस्ट, थेरेपी या ट्रीटमेंट की जरूरत हो वो दें।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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