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हाईकोर्ट ने डीसी चंबा को मिंजर मेले को लेकर भेजा नोटिस, 24 घंटों में देना होगा जवाब; जानें पूरा मामला

  हाईकोर्ट ने डीसी चंबा को मिंजर मेले को लेकर भेजा नोटिस, 24 घंटों में देना होगा जवाब; जानें पूरा मामला High Court Notice to DC Chamba : अंत...

 हाईकोर्ट ने डीसी चंबा को मिंजर मेले को लेकर भेजा नोटिस, 24 घंटों में देना होगा जवाब; जानें पूरा मामला

High Court Notice to DC Chamba :अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले (International Minjar Fair) में अस्थाई कारोबारियों द्वारा समय से पहले कारोबार करने पर प्रदेश हाईकोर्ट ने जिलाधीश चंबा (District Magistrate Chamba) से इस बाबत जानकारी तलब की है।

कोर्ट ने जिलाधीश से पूछा है कि क्या चंबा के चौगान में मिंजर मेले को लेकर बनाई गई अस्थाई दुकानों में कारोबार 19 जुलाई से पहले ही शुरू कर दिया गया था। कोर्ट ने इस मामले में आबकारी विभाग के अतिरिक्त आयुक्त को भी स्वतः प्रतिवादी बनाया। कोर्ट ने आबकारी विभाग (Excise Department) को मामले की जांच कर यह पता लगाने के आदेश जारी किए कि क्या चंबा के चौगान में मेले को लेकर लगाई अस्थाई दुकानों में कारोबार से जुड़ी गतिविधियां संचालित हुई

24 घंटों के भीतर यह जानकारी तलब

मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ की ने आबकारी विभाग के अतिरिक्त आयुक्त और जिलाधीश चंबा से 24 घंटों के भीतर यह जानकारी तलब की है। फिर इस मामले पर सुनवाई निर्धारित की गई है। मामले के अनुसार स्थानीय कारोबारी शिव कुमार शर्मा सहित जसवंत कुकरेजा, जोगिंदर सिंह और सतपाल सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले (International Minjar Fair) के लिए बनाई गई अस्थाई दुकानों में निर्धारित समय से पहले कारोबार किए जाने का आरोप लगाया है।

दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए

प्रार्थियों का कहना है कि इन दुकानों में कारोबार 28 जुलाई से 9 अगस्त तक किए जाने की निविदाएं आमंत्रित की गई थी। चौगान एक में इसकी कुल बोली 1 करोड़ 96 लाख लगाई गई थी। प्रार्थियों का कहना है कि हाल ही में उनका कारोबार (Business) अचानक घट गया। यह घाटा मेले के लिए संचालित की जाने वाली दुकानों में मेले से आठ दिन पहले ही कारोबार करने के कारण हुआ। इस बाबत उन्होंने स्थानीय प्रशासन को शिकायत भी दी परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई। मजबूरन उन्हें हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) का दरवाजा खटखटाना पड़ा। प्रार्थियों ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और निविदाओं की शर्तों का उल्लंघन करने पर उचित जुर्माना वसूला जाए।

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