इंटरनेशनल कोर्ट ने यरुशलम पर इजराइली कब्जे को गैरकानूनी बताया: कहा- जमीन खाली करें, फैसले से नाराज लोगों ने फिलिस्तीनी बस्तियां जलाईं किसी...
इंटरनेशनल कोर्ट ने यरुशलम पर इजराइली कब्जे को गैरकानूनी बताया:कहा- जमीन खाली करें, फैसले से नाराज लोगों ने फिलिस्तीनी बस्तियां जलाईं
किसी देश का अपनी राष्ट्रीय नीति के तहत कुछ भी कहना हो, इस्राइल द्वारा कब्जा किए हुए फलस्तीनी क्षेत्रों में इस्राइली बस्तियां बसाया जाना अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत घोर उल्लंघन है। मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष संयोजक निकोलय म्लदेनॉफ ने बुधवार को सुरक्षा परिषद में ये बात कही।
उन्होंने अमरीका के राष्ट्रपति द्वारा सोमवार को की गई इस घोषणा पर अफसोस जताया जिसमें कहा गया था कि अमेरिका फलस्तीनी क्षेत्रों में इस्राइली बस्तियों को अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ नहीं समझता।
उन्होंने जोर देकर कहा कि एकतरफा कार्रवाई से गुस्से और निराशा को बढ़ावा मिलता है और ये स्थिति एक टिकाऊ फलस्तीनी राष्ट्र की स्थापना की ऐसी संभावनाओं को धूमिल करती है, जहां येरूशलम दोनों देशों - इस्राइल और फलस्तीन की राजधानी हो।
गाजा की विस्फोटक स्थिति
विशेष समन्वयक ने चैम्बर के भीतर राजदूतों को जानकारी देते हुए कहा कि इस्राइल और गाजा के भीतर सक्रिय फलस्तीनी चरमपंथियों के बीच हाल ही में भड़के गंभीर तनाव के कुछ ही दिनों के भीतर सुरक्षा परिषद को ये बैठक बुलानी पड़ी है। उन्होंने ये माना कि तात्कालिक संकट तो टल गया है मगर वहां स्थिति अब भी बहुत विस्फोटक बनी हुई है।
निकोलय म्लदेनॉफ ने चरमपंथियों की गतिविधियों, रॉकेट फायर और इस्राइल द्वारा बदले में हवाई हमलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जिस संकट की वजह से दोनों तरफ लोग हताहत हुए हैं।
इस्राइल और फलस्तीनी चरमपंथियों के बीच युद्धविराम कराने के संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों में मिस्र की भूमिका का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 48 घंटों की युद्धक गतिविधियों के भीतर ही कुछ शांति स्थापित हो गई थी।
लेकिन उनका ये भी कहना था कि अगर बीच-बचाव के ये प्रयास नाकाम हो गए होते तो हम एक और युद्ध देख रहे होते जो कि 2014 के भीषण तबाही वाले युद्ध से भी भयावह हो सकता था।
उन्होंने ध्यान दिलाया कि खतरा अभी टला नहीं है और आगाह करते हुए कहा कि आम आबादी के खिलाफ अंधाधुंध रॉकेट व मोर्टार हमले किए जाना किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं हो सकता और ये हमले तुरंत रुकने चाहिए।
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