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इन्फीबीम ने भारत की सबसे पुरानी इंटरनेट कंपनी Rediff.com खरीद ली; जानें क्यों

  इन्फीबीम  ने  भारत  की  सबसे  पुरानी  इंटरनेट  कंपनी  Rediff.com  खरीद  ली;   जानें  क्यों Rediff.com  की  बिक्री :   Rediff,  भारत  की  स...

 इन्फीबीम ने भारत की सबसे पुरानी इंटरनेट कंपनी Rediff.com खरीद ली; जानें क्यों

Rediff.com की बिक्री: Rediff, भारत की सबसे पुरानी   इंटरनेट फर्म है। लाखों लोगों की यादें इससे जुड़ी हैं। अजीत बालकृष्णन ने इसकी नींव रखी थी। रेडिफ ने बहुत जल्दी अच्छे यूजर बना लिए। यह देश के सबसे पहले पोर्टल में से एक है जो ईमेल, शॉपिंग और न्यूज़ सेवाएं प्रदान करता है। हालाँकि, रेडिफ की बिक्री की खबरें आ रही हैं। गुजरात की फिनटेक कंपनी इन्फीबीम एवेन्यूज ने रेडिफ में 54  प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है।

रेडिफ की शुरुआत 

रेडिफ की शुरुआत 1996 में हुई, तो देश में बहुत कम लोगों के पास इंटरनेट था। रेडिफ ने अच्छी सेवा देकर जल्द ही अपनी पहचान बना ली। Rediffmail और Rediff Shopping का बहुत अधिक   उपयोग होता था। उस समय रेडिफ ने इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य उपकरणों को   खरीदा।

कायम नहीं रहा दबदबा

रेडिफ.कॉम ने अप्रैल 2001 में इंडिया अब्रॉड अखबार को खरीदा। फिर 2010 में मोबाइल प्लेटफॉर्म के लिए ईमेल सेवा रेडिफमेल एनजी लॉन्च की। इसके दो साल बाद रेडिफ न्यूज के लिए एंड्रॉइड ऐप भी लॉन्च किया। उस वक्त रेडिफ में 300 से ज्यादा लोग काम करते थे। इसके मुख्यालय मुंबई में था और दूसरी शाखाएं बेंगलुरु, नई दिल्ली और न्यूयॉर्क तक में फैली हुई थी।

रेडिफ अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्ट भी थी। लेकिन, अप्रैल 2016 में कंपनी ने डीलिस्ट होने का फैसला किया। उसका कारोबार अच्छा नहीं चल रहा था। आमदनी के मुकाबले उसकी लागत भी काफी बढ़ गई थी। कुल मिलाकर कंपनी की वित्तीय हालत काफी खस्ताहाल थी।

कैसे बिका रेडिफ

रेडिफ को Infibeam Avenues ने खरीदा है, जिसकी शुरुआत 2007 में विशाल मेहता ने की थी। इंफीबीम ने देश की सबसे पुरानी इंटरनेट फर्मों में से एक रेडिफ में 54 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने पर सहमति जताई है। इंफीबीम ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि उसने रेडिफ में करीब 50 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो इक्विटी और डेट में बराबर तब्दील होंगे। इंफीबीम को इन्वेस्टमेंट के बदले 54 फीसदी शेयरहोल्डिंग मिलेगी। इन्फीबीम का कहना है कि वह सौदे को 90 दिन के भीतर खत्म करना चाहती है।

इन्फीबीम ने क्यों की डील

इन्फीबीम का कहना है कि इस सौदे के जरिए वह पेमेंट, ई-कॉमर्स और क्लाउड सर्विसेज के लिए एक साझा इकोसिस्टम बनाना चाहती है। उसका इरादा यूजर्स को क्रेडिट, बीमा और निवेश उत्पाद बेचने के लिए रेडिफमनी प्लेटफॉर्म का लाभ उठाना है। रेडिफ को फिलहाल हर महीने लगभग 38 मिलियन ऑनलाइन विजिटर मिलते हैं। रेडिफ ने वित्त वर्ष 2023-24 में 36 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार किया।

इस सौदे से निवेशकों में भी जोश दिखा। शुक्रवार (2 अगस्त) को बीएसई पर 4.87 फीसदी बढ़कर 32.49 रुपये पर बंद हुए, जबकि सेंसेक्स में लगभग 1.1 फीसदी की गिरावट आई थी। इन्फीबीम ने पिछले एक साल में 120 फीसदी का बंपर रिटर्न दिया है। हालांकि, पिछले 6 महीने के दौरान इसके स्टॉक में 11 फीसदी गिरावट आई है।

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