शिमला के हजारों यात्रियों को होने वाली है बड़ी परेशानी, समय पर नहीं मिलेगी बसें; जानें क्यों शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आने...
शिमला के हजारों यात्रियों को होने वाली है बड़ी परेशानी, समय पर नहीं मिलेगी बसें; जानें क्यों

शिमला:
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आने वाले समय में हजारों यात्रियों को बसों की कमी का सामना करना पड़ सकता है। यह समस्या प्रदेश के सबसे बड़े एचआरटीसी (हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन) शिमला डिपो की बसों के बेड़े से 40 बसों को हटाए जाने के कारण उत्पन्न हो सकती है। शिमला शहर और इसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग, जो नियमित रूप से एचआरटीसी की बसों का उपयोग करते हैं, उन्हें इस संकट का सामना करना पड़ेगा।
40 बसों की होगी कमी
एचआरटीसी के शिमला डिपो में शामिल 40 बसें, जो कि स्वराज माजदा मॉडल की हैं, इस साल दिसंबर तक हटा दी जाएंगी। ये बसें 15 साल पुरानी हो चुकी हैं और नियमों के तहत इन बसों को अब सेवा से बाहर करना अनिवार्य है। इन बसों को अक्टूबर से हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी और दिसंबर तक यह पूरी हो जाएगी।
शिमला डिपो के बेड़े से इन 40 बसों के हटाए जाने से सबसे बड़ी समस्या यह होगी कि कई रूटों पर बसों की कमी हो जाएगी। खासकर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बस सेवाएं आवश्यक हैं, वहां इन बसों के न होने से हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
शहर की तंग सड़कों पर चलती थीं ये बसें
स्वराज माजदा मॉडल की ये बसें छोटी होने के कारण शहर के तंग और संकीर्ण सड़कों पर चलने के लिए उपयुक्त थीं। शिमला के कई ऐसे क्षेत्र हैं, जैसे झंझीड़ी, केल्टी, जहां सड़कें काफी संकरी हैं। इन क्षेत्रों में ये बसें सालों से सेवाएं दे रही थीं और हजारों लोगों के लिए यह जीवन रेखा की तरह थीं।
इन बसों के हटने से इन क्षेत्रों के निवासियों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। इन स्थानों पर वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई तो लोगों को अपनी रोजमर्रा की यात्रा में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
एचआरटीसी की चुनौती
शिमला डिपो के लिए यह स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकती है। पहले से ही बसों की कमी का सामना कर रहे शिमला डिपो के लिए सभी रूटों पर बसें चलाना मुश्किल हो जाएगा। एचआरटीसी के पास वर्तमान में पर्याप्त बसें नहीं हैं, जिससे कि वे इन 40 बसों की कमी को पूरा कर सकें।
शहर में 256 रूट हैं, जिन पर एचआरटीसी की 242 बसें और टैक्सियां प्रतिदिन 2200 फेरे लगाती हैं। ढली सेक्टर में सबसे अधिक 1000 फेरे, लोक बस स्टैंड में 800 और न्यू शिमला में 500 फेरे लगते हैं। यदि वैकल्पिक व्यवस्था समय पर नहीं की गई तो शिमला के कई रूटों पर बस सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
वैकल्पिक व्यवस्था की मांग
इस स्थिति से निपटने के लिए एचआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक, लोकल डिपो ने मुख्यालय से पत्राचार किया है। उन्होंने मुख्यालय को इस समस्या के बारे में जानकारी दी है और वैकल्पिक बसों की मांग की है। अब तक इस संदर्भ में तीन रिमाइंडर भेजे जा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है।
यदि समय रहते इन 40 बसों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई तो शिमला के विभिन्न क्षेत्रों में बस सेवाएं बाधित हो सकती हैं। इससे हजारों यात्रियों को अपने दैनिक कार्यों में देरी और असुविधा का सामना करना पड़ेगा।
यात्रियों की मुश्किलें बढ़ेंगी
शिमला के कई लोग अपनी दैनिक यात्रा के लिए एचआरटीसी की बसों पर निर्भर रहते हैं। इनमें से कई लोग अपने काम पर जाने के लिए और छात्रों के लिए स्कूल और कॉलेज जाने के लिए इन बसों का उपयोग करते हैं। ऐसे में बसों की कमी से उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
शिमला के झंझीड़ी, केल्टी, संजौली, ढली और न्यू शिमला जैसे क्षेत्रों के लोग इन बसों पर पूरी तरह से निर्भर हैं। यदि इन क्षेत्रों में बस सेवाएं बंद हो जाती हैं या उनकी संख्या कम हो जाती है तो लोगों को यात्रा के लिए वैकल्पिक साधन ढूंढने में कठिनाई हो सकती है।
एचआरटीसी के लिए आगे की राह
इस स्थिति से निपटने के लिए एचआरटीसी को शीघ्र ही वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी। शिमला डिपो के लिए यह जरूरी है कि वे मुख्यालय के साथ मिलकर नए बसों की व्यवस्था करें ताकि सभी रूटों पर बस सेवाएं नियमित रूप से जारी रह सकें।
इसके अलावा, एचआरटीसी को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि नए बसें उन क्षेत्रों में चल सकें जहां सड़कों की स्थिति खराब है। शिमला जैसे शहर में जहां कई स्थानों पर सड़कें संकरी और घुमावदार हैं, वहां छोटी और चुस्त बसें चलाने की जरूरत होती है।
शिमला के यात्रियों के लिए यह आने वाला समय काफी चुनौतीपूर्ण
शिमला के यात्रियों के लिए यह आने वाला समय काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। बसों की कमी से उन्हें अपनी यात्रा के लिए वैकल्पिक साधनों का सहारा लेना पड़ सकता है, जिससे उनकी दैनिक गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
एचआरटीसी को इस समस्या से निपटने के लिए शीघ्र ही उचित कदम उठाने की जरूरत है। मुख्यालय को भी इस समस्या का समाधान निकालने के लिए तत्पर रहना होगा ताकि शिमला के लोग निर्बाध यात्रा का आनंद उठा सकें। शिमला के विभिन्न क्षेत्रों में बस सेवाओं की नियमितता सुनिश्चित करने के लिए एचआरटीसी को जल्द ही वैकल्पिक बसों की व्यवस्था करनी होगी।
यह समय की मांग है कि शिमला की बस सेवाएं सुचारू रूप से चलती रहें, ताकि यहां के लोगों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।
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