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बलूच लिबरेशन आर्मी का भीषण हमला: 102 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, शिविरों में मौत का तांडव

  बलूच लिबरेशन आर्मी का भीषण हमला: 102 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, शिविरों में मौत का तांडव Pakistan News: बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी ...

 बलूच लिबरेशन आर्मी का भीषण हमला: 102 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, शिविरों में मौत का तांडव

Pakistan News: बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के उग्र प्रदर्शन ने एक बार फिर पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। हाल ही में बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ एक बड़ा हमला किया, जिसमें 102 पाकिस्तानी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया गया। इस हमले ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है और पाकिस्तान की सेना के सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

हमले का विवरण: शिविरों में मौत का तांडव

बलूच लिबरेशन आर्मी की तरफ से जारी आधिकारिक प्रेस रिलीज के अनुसार, यह हमला बीएलए की माजिद ब्रिगेड के फिदायीन ऑपरेशन हेरोफ के तहत किया गया। इस ऑपरेशन के तहत, बीएलए की माजिद ब्रिगेड की फिदायीन इकाई ने कब्जे वाले पाकिस्तानी सेना के बेला शिविर पर रातों-रात हमला किया। इस हमले के दौरान, बीएलए के फिदायीनों ने शिविर के मेन एंट्री गेट और आसपास की सुरक्षा चौकियों पर विस्फोटकों से भरे दो वाहनों से जोरदार विस्फोट कर उन्हें नष्ट कर दिया।

इसके बाद, फिदायीनों ने शिविर के अंदर घुसकर भारी मात्रा में गोलीबारी की, जिसमें ऑपरेशन के तुरंत बाद 40 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। इस हमले ने पूरे शिविर को तहस-नहस कर दिया और बलूच लिबरेशन आर्मी ने शिविर के एक महत्वपूर्ण हिस्से पर कब्जा कर लिया। अगले छह घंटों के अंदर बीएलए के फिदायीनों ने कुल 102 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया, जिससे पाकिस्तानी सेना में खलबली मच गई।

फिदायीन हमले का दूसरा चरण: सैन्य काफिले पर हमला

रिपोर्ट के अनुसार, इस भीषण हमले के दौरान जब पाकिस्तानी सेना ने शिविर में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए एक सैन्य काफिले को भेजा, तो बीएलए के फिदायीनों ने उन पर जोरदार हमला किया। इस हमले से काफिला शिविर तक पहुँचने से पहले ही पीछे हटने के लिए मजबूर हो गया। बीएलए ने बलूचिस्तान के विभिन्न राजमार्गों पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है और फतह दस्ते और एसटीओएस द्वारा चौकियां स्थापित कर दी हैं।

सेना और पुलिस की नाकेबंदी: 62 और सैनिक मारे गए

इस हमले के बाद से बलूच लिबरेशन आर्मी ने बलूचिस्तान के विभिन्न इलाकों में नाकेबंदी और झड़पों का सिलसिला जारी रखा है। अब तक इन झड़पों में 62 और पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं, जिससे इस हमले में मारे गए कुल दुश्मन सैन्य कर्मियों की संख्या 102 हो गई है। इसके अलावा, बीएलए की हिरासत में 22 से अधिक सैन्य, पुलिस और लेवी कर्मी हैं, जिन्हें भविष्य में उनके साथ क्या करना है, इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

पाकिस्तान के लिए गंभीर स्थिति

यह हमला पाकिस्तान के लिए एक गंभीर चुनौती के रूप में उभरा है। बलूच लिबरेशन आर्मी की इस कार्यवाही ने न केवल पाकिस्तान की सुरक्षा को चुनौती दी है, बल्कि बलूचिस्तान के संघर्ष को और भी जटिल बना दिया है। इस हमले के बाद पाकिस्तान सरकार और सेना के लिए स्थिति को नियंत्रित करना और भी मुश्किल हो गया है।

बलूच लिबरेशन आर्मी की रणनीति और भविष्य की संभावनाएं

बलूच लिबरेशन आर्मी द्वारा इस प्रकार के उग्र हमलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे किसी भी तरह की बातचीत या शांति प्रयासों के बजाय सीधे आक्रमण की रणनीति अपना रहे हैं। यह हमला उनकी नई रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वे पाकिस्तानी सेना को सीधे चुनौती दे रहे हैं। यह भी स्पष्ट है कि बीएलए की फिदायीन इकाइयों के पास न केवल अत्याधुनिक हथियार हैं, बल्कि उन्हें अपने मिशन में सफलता पाने का पूरा विश्वास भी है।

पाकिस्तान का जवाब और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद पाकिस्तान ने बलूचिस्तान में अपनी सैन्य गतिविधियाँ और सुरक्षा उपायों को बढ़ा दिया है। हालांकि, बलूचिस्तान में जारी संघर्ष और पाकिस्तान के आंतरिक सुरक्षा हालात पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें भी टिकी हैं। इस हमले के बाद पाकिस्तान की स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ सकता है, खासकर जब यह बात सामने आई है कि बलूचिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन और हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

बलूचिस्तान में जारी संघर्ष 
इस हमले ने न केवल पाकिस्तान को एक गंभीर सुरक्षा संकट में डाल दिया है, बल्कि यह बलूचिस्तान में जारी संघर्ष को और भी भड़काने वाला साबित हो सकता है। बलूच लिबरेशन आर्मी की यह कार्यवाही पाकिस्तान की सेना के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है और आने वाले दिनों में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

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