Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Grid

GRID_STYLE

Hover Effects

TRUE

Breaking News

latest

उपन्यास ‘देव नगरी’ एवं ‘स्मृतियों में कुल्लू दशहरा’ पुस्तकों का होगा लोकार्पण

⛔ 9 नवम्बर को होगा हिमतरु का साहित्यिक समारोह, जुटेंगे साहित्यकार ⛔ उपन्यास ‘देव नगरी’ एवं ‘स्मृतियों में कुल्लू दशहरा’ पुस्तकों का होगा लोक...


⛔ 9 नवम्बर को होगा हिमतरु का साहित्यिक समारोह, जुटेंगे साहित्यकार

⛔ उपन्यास ‘देव नगरी’ एवं ‘स्मृतियों में कुल्लू दशहरा’ पुस्तकों का होगा लोकार्पण


      कुल्लू, 02 नवम्बर। हिमतरु प्रकाशन समिति द्वारा 9 नवम्बर को ज़ि़ला मुख्यालय ढालपुर स्थित ज़िला परिषद सभागार में एक दिवसीय साहित्यिक, पुस्तक लोकार्पण समारोह एवं चित्रकला व पुस्तक प्रदर्शनी को आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम कला संस्कृति भाषा अकादमी शिमला के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, जिसमें दो महत्तवपूर्ण पुस्तकों का लोकार्पण होगा तथा समारोह में देश-प्रदेश से आमंत्रित साहित्यकार एवं शिक्षाविद अपना वक्तव्य देंगे। 


     हिमतरु प्रकाशन समिति के संपादकीय सलाहकार सदस्य रमेश पठानिया ने जानकारी दी कि कला संस्कृति भाषा अकादमी, शिमला के सहयोग से आयोजित होने वाले इस एक दिवसीय कार्यक्रम में प्रमुख तौर पर लेखक, पत्रकार एवं संपादक किशन श्रीमान द्वारा लिखित उपन्यास ‘देव नगरी’ तथा राजकीय महाविद्यालय पनारसा व अन्य महाविद्यालयों तथा शिमला विवि के शोधार्थियों द्वारा तैयार किया गया हिमतरु विशेषांक ‘स्मृतियों में कुल्लू दशहरा’ का लोकार्पण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये दोनों पुस्तकें पाठकीय दृष्टि से महत्तवपूर्ण हैं। कहा कि देव नगरी उपन्यास में जहां लेखक किशन श्रीमान ने पहाड़ी संस्कृति एवं लोगों की जीवन शैली व स्थानीयता को प्रमुख स्थान दिया है, वहीं स्मृतियों में कुल्लू दशहरा पुस्तक में भी वरिष्ठजनों की दशहरे को लेकर स्मृतियों के साथ-साथ कुल्लू के दशहरे से जुड़ी अनेक महत्तवपूर्ण जानकारियां जुटाई हैं। निःसंदेह जो पाठकों, शोधार्थियों एवं सुधिजनों के लिए उपयोगी होगी। 

       रमेश पाठनिया ने बताया कि इस एक दिवसीय कार्यक्रम में मांइडस्केप आर्ट गैलरी, हरिपुर की संचालक डॉ. संजू पॉल द्वारा चित्रकारियों की एक प्रदर्शन लगाई जाएगी, साथ ही पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिसमें विभिन्न लेखकों की पुस्तकें उपलब्ध होंगी। उन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिला के कला, संस्कृति, भाषा प्रेमियां एवं साहित्यकारों से अपील की है कि वे समाहोर में सम्मिलित होकर अपनी भागिदारी सुनिश्चित करें।

No comments