Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Grid

GRID_STYLE

Hover Effects

TRUE

Breaking News

latest

कांग्रेस ने हैंड कटर की रजिस्ट्रेशन के बहाने धन उगाही का नया बैक डोर रास्ता खोला : संदीपनी भारद्वाज

 भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने कहा कि  हिमाचल की सुक्खू सरकार अब किसानों को फिर से लूटने के कगार पर आई है, एक छोटा सा हैंड कटर ज...


 भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने कहा कि  हिमाचल की सुक्खू सरकार अब किसानों को फिर से लूटने के कगार पर आई है, एक छोटा सा हैंड कटर जिससे किसान बागवान अपने खेतों की बेकार पड़ी हुई लकड़ी को काटते थे उसको लाइसेंस में लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले तो बात बड़ी हैरानी है कि इस तरह के निर्णय वर्तमान सुक्खू सरकार कौन से अधिकारीयों की सलाह पर ले रही है। हां यह बात सही है कि सरकार आर्थिक दिवालियापन पर है और मुझे लगता है कि किसानों एवं हैंड कटर की रजिस्ट्रेशन के बहाने यह कांग्रेस के नेता धन उगाही का एक बैक डोर एंट्री का नया रास्ता निकाल रहे है, दूसरा अगर उनको यह लगता था कि यह किसान जंगलों में जाकर के जंगल की लकड़ी काटने के लिए टूल का इस्तेमाल करते हैं तो मैं जानना चाहता हूं कि उनका फॉरेस्ट डिपार्टमेंट यानी वन विभाग कहां सोया पड़ा है, जिस बात के लिए वन विभाग को गठित किया गया है क्या उनका दायित्व नहीं है कि इस तरह की चीजों को व रोके ? अगर लाइसेंस दे भी देंगे तो क्या इस तरह की चोरी रुकेगी ? मेरा मानना यह है कि इस प्रकार के नियम किसानों के साथ एक बहुत बड़ा अत्याचार है, आम किसान जहां एक मशीन बड़ी मुश्किल से खरीदता है जिसके लिए वो लोन लेता है, एग्रीकल्चर लोन लेकर के खरीदता है, अब उसके ऊपर लाइसेंस बना कर के सरकार की मानसिकता एवं सरकार का मन क्या खेता है। उन्होंने कहा कि मुझे यह शंका है कि इस बहाने सरकार किसानों से धन उगाही करेगी और सरकार की जो इकोनॉमिक वीकनेस है वह किसानों से इस लाइसेंस के बहाने उगाना चाहती है।

संदीपनी ने कहा भाजपा सरकार के इस निर्णय का विरोध करती है, क्योंकि सरकार इकोनॉमिकली वीक है कभी यह टॉयलेट टैक्स लगाती है, कभी बिजली के जो फ्री चार्जेस थे उसको खत्म करती है और कभी नक्शा बनाने पर दुगने चार्जेस कर लेती है। अब किसानों से रजिस्ट्रेशन के बहाने धन निकासी का नया फार्मूला निकाला है, हम मांग करते हैं कि इस तरह के जो एक तरफे निर्णय है जो कि किसान विरोधी है उसको सरकार वापस ले और आम किसान को इस तरह की लाइसेंस पॉलिसी में ना लाए।

No comments