हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनावों की आहट से पंचायतों का पुनर्सीमांकन शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने कई पंचायतों के क्षेत्रों को नगर निकायों...
हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनावों की आहट से पंचायतों का पुनर्सीमांकन शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने कई पंचायतों के क्षेत्रों को नगर निकायों और परिषदों में मिलाने की कोशिश की है। क्षेत्रों को निकायों में शामिल करने से पंचायतों का क्षेत्रफल घटेगा, लेकिन नई घोषित निकायों का क्षेत्रफल बढ़ेगा।
सरकार भी हिमाचल में नई पंचायतों का गठन करना चाहती है। इसके बारे में सुझाव मांगे गए हैं। सरकार को अब तक 600 आवेदन मिले हैं। राज्य सरकार ने पंचायत क्षेत्रों को नगर निकायों में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जनता से भी कुछ क्षेत्रों के बारे में आपत्ति और सुझाव मांगे गए हैं।
कई भी अधिसूचना जारी की गई हैं। पंचायतों के क्षेत्रों को निकायों में शामिल करने का भी विरोध है। इसमें तर्क दिया जा रहा है कि अगर पंचायतों के क्षेत्रों को निकायों और परिषदों में शामिल किया जाता है तो लोगों को घरों सहित अन्य टैक्स देने पड़ेंगे। इसलिए लोग पंचायतों में ही रहना चाहते हैं।
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ग्राम पंचायत बदरीपुर, कुनिहार, हाटकोट और कोठी, शिलाई व बेला, भरनांग, सराहकड़, अणु, बजूरी, बल्ह, बरोहा, बस्सी-झनियारा, बहोनी, दडूही, धलोट, डुग्गा, ख्याह लोहाखरियां, मतिटिहिरा और सासन पंचायत क्षेत्र नगर परिषद पांवटा साहिब में हैं। सुन्नी नगर पंचायत में घरियाणा, जूणी और शकरोड़ी शामिल हैं।
हिमाचल प्रदेश में फिलहाल 3615 पंचायतें हैं। पंचायतों के नुमाइंदों का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त होने वाला है। पंचायत चुनाव कभी भी इस वर्ष हो सकते हैं।
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