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आय कर: 20 लाख रुपये की कमाई पर इतना टैक्स देना होगा: बड़ी खुशखबरी टैक्सपेयर्स के लिए

  आय कर: टैक्सपेयर्स को बड़ी खुशखबरी मिली है। वास्तव में, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार करदाताओं को टैक्स में राहत देने की योजना पर विच...

 


आय कर: टैक्सपेयर्स को बड़ी खुशखबरी मिली है। वास्तव में, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार करदाताओं को टैक्स में राहत देने की योजना पर विचार कर रही है, जो खपत और आर्थिक गतिविधि को बढ़ा देगा। साथ ही, नवीनतम इनकम टैक्स व्यवस्था को और अधिक आकर्षक और लाभदायक बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।

हर कोई बजट 2025 में आयकर में क्या होगा, उससे उत्साहित है। 1 जनवरी को सरकार का बजट पेश होने के बाद यह निर्णय लिया जाएगा। माना जाता है कि सरकार पुरानी इनकम टैक्स प्रणाली को धीरे-धीरे खत्म करने और नई टैक्स प्रणाली को आकर्षक बनाने का प्रस्ताव कर सकती है। (धनमंत्री निर्मला सीताराम)

एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार करदाताओं को टैक्स में राहत देने की योजना पर विचार कर रही है, जो खपत और आर्थिक गतिविधि को बढ़ा देगा। साथ ही, नवीनतम इनकम टैक्स व्यवस्था को और अधिक आकर्षक और लाभदायक बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।

दो विकल्पों पर विचार:

रिपोर्ट के अनुसार, सरकार टैक्स रिलीफ देने के लिए दो विकल्पों पर विचार कर रही है (सरकार टैक्स रिलीफ देने के लिए नई टैक्स व्यवस्था के तहत)। पहला उपाय वेतनभोगी करदाताओं के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाना है। वर्तमान में यह सीमा 75 हजार रुपये है। इस बदलाव से करदाताओं को वित्तीय राहत मिल सकती है, जिससे वे अपनी आय पर कम टैक्स देंगे, जिससे उनकी बचत बढ़ेगी।

नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स स्लैब्स को बदलना दूसरा विकल्प है। नई व्यवस्था के तहत सरकार 20 प्रतिशत टैक्स स्लैब को बढ़ा सकती है, जो सालाना 12 से 18 लाख रुपये तक की आय को भी कवर कर सकती है। 18 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत का टैक्स ब्रैकेट भी लगाया जा सकता है। वर्तमान टैक्स स्लैब नई इनकम टैक्स व्यवस्था के अधीन हैं..।

₹0 से ₹3,00,000: 0%


₹3,00,001 से ₹7,00,000: 5%


₹7,00,001 से ₹10,00,000: 10%


₹10,00,001 से ₹12,00,000: 15%


₹12,00,001 से ₹15,00,000: 20%


₹15,00,001 से अधिक: 30%

टैक्स विशेषज्ञ और उद्योग निकाय बजट से पहले सरकार से नई टैक्स व्यवस्था में बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं ताकि करदाताओं को अधिक धन मिल सके। EY India ने सुझाव दिया है कि सरकार बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट (Government Basic Exemption Ltd) को ₹3 लाख से ₹5 लाख करना चाहिए, साथ ही टैक्स रेट्स को भी कम करना चाहिए।EY के चीफ पॉलिसी एडवायजर डीके श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बीच ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए पर्सनल इनकम टैक्स को कम करना और अधिक पूंजीगत खर्च करना आवश्यक है। इसलिए, घरेलू जरूरतों पर ध्यान देना चाहिए ताकि आर्थिक मजबूती में सुधार हो सके।News source

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