हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (HRTC) की कैशलैस प्रणाली को जनता द्वारा अत्यधिक सराहा जा रहा है। इस नवीनतम व्यवस्था के माध्यम से यात्री...
हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (HRTC) की कैशलैस प्रणाली को जनता द्वारा अत्यधिक सराहा जा रहा है। इस नवीनतम व्यवस्था के माध्यम से यात्री प्रतिदिन लाखों रुपये का डिजिटल भुगतान कर रहे हैं। इससे लेन-देन में पारदर्शिता में वृद्धि हुई है और यात्रा अधिक सुविधाजनक बन गई है।
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HRTC की कैशलैस प्रणाली को पसंद कर रहे लोग |
शिमला: हिमाचल प्रदेश में प्रतिदिन लाखों यात्री HRTC की सेवाओं का लाभ उठाते हैं। HRTC के पास हजारों बसें हैं, जो प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान करती हैं। निगम ने मार्च 2024 में आधुनिक युग की दिशा में कदम बढ़ाते हुए कैशलेस किराए के भुगतान की सुविधा शुरू की, जिसे जनता ने अत्यधिक सराहा है।
सितंबर 2024 में HRTC ने नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) की शुरुआत की, जिसे भी लोगों ने बहुत पसंद किया है। मार्च 2024 से जनवरी 2025 तक इस प्रणाली का उपयोग करने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। अब हजारों लोग प्रतिदिन कैशलेस और NCMC कार्ड के माध्यम से किराए का भुगतान कर रहे हैं।
प्रतिदिन कैशलैस किराए का भुगतान करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि
HRTC के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर के अनुसार, मार्च 2024 से जनवरी 2025 के बीच कैशलेस किराए के भुगतान में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। मार्च 2024 में प्रतिदिन 40 लोग कैशलैस तरीके से किराया चुका रहे थे, जो जनवरी 2025 में बढ़कर 2,467 लोगों तक पहुँच गया है। इसी प्रकार, सितंबर 2024 में प्रतिदिन 2 लोग NCMC के माध्यम से किराए का भुगतान कर रहे थे, जो जनवरी 2025 में बढ़कर 806 लोगों तक पहुँच गया है।
HRTC की स्थापना 1974 में हुई थी
HRTC की स्थापना 1974 में हुई थी और यह अब अपने 50 वर्ष पूरे कर चुका है। वर्तमान में, HRTC प्रतिदिन 6 लाख यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुँचाता है, जो प्रदेश की कुल जनसंख्या का लगभग 10 प्रतिशत है। इसके अतिरिक्त, HRTC 3,000 रूटों पर अपनी सेवाएँ प्रदान करता है।
बता दें कि निगम में मौजूदा समय में 12 हजार कर्मचारी काम करते है और 7 हजार 200 कर्मचारी रिटायर्ड हो चुके है. वहीं, हर साल HRTC 20 करोड़ किलोमीटर का सफर तय करता है.
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