RBI - वर्तमान समय में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसके पास बैंक खाता न हो। विशेष रूप से, देश में पीएम जनधन खाता योजना के आरंभ के बाद करोड...
RBI - वर्तमान समय में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसके पास बैंक खाता न हो। विशेष रूप से, देश में पीएम जनधन खाता योजना के आरंभ के बाद करोड़ों नए बैंक खाते खोले गए हैं। इसके परिणामस्वरूप ग्राहकों की जमा राशि में भी काफी वृद्धि हुई है। लोग घर में पैसे रखने के बजाय बैंक में पैसे रखना अधिक पसंद करते हैं। लोगों का विश्वास है कि बैंक उनके धन को सुरक्षित रखते हैं, लेकिन क्या आपने कभी विचार किया है कि यदि बैंक दिवालिया हो जाए या बंद हो जाए, तो आपको कितना धन वापस मिलेगा?
The Chopal, RBI - बैंक ग्राहकों की जमा पूंजी पर 5 लाख रुपये का बीमा प्रदान करते हैं यदि बैंक विफल हो जाता है। पहले यह राशि 1 लाख रुपये थी। यह बीमा रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी, कवर डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत उपलब्ध है। भारत के सभी वाणिज्यिक बैंकों को इस योजना में शामिल किया गया है, जिसका अर्थ है कि इनमें 5 लाख रुपये का बीमा सुरक्षित है। हालांकि, सहकारी समितियाँ इस योजना में शामिल नहीं हैं। DICGC के तहत मिलने वाले बीमा (मूलधन और ब्याज सहित) की अधिकतम राशि 5 लाख रुपये है। अब एक प्रश्न उठता है कि देश का सबसे सुरक्षित बैंक कौन सा है? वह स्थान जहाँ आपके पैसे पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
2023 में चार अमेरिकी बैंक विफल हो गए। भारत का बैंकिंग प्रणाली मजबूत होने के कारण ऐसा कोई संदेह नहीं है। लेकिन क्या आप भारत के तीन ऐसे बैंकों के बारे में जानते हैं जो कभी विफल नहीं होंगे?
इसका तात्पर्य यह है कि इन बैंकों में जमा धन को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है। इनमें से दो सरकारी और दो निजी बैंक भारत के सबसे सुरक्षित बैंकों की श्रेणी में आते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि देश के कुछ बैंकों के विफल होने की कोई संभावना नहीं है।
आपका धन इन तीन बैंकों में सुरक्षित रहेगा।
SBI Bank
ICICI Bank
HDFC Bank
इन तीनों बैंकों को D-SIB, अर्थात् डोमेस्टिक सिस्टमेटिकली इम्पॉर्टेंट बैंक, का दर्जा प्राप्त है। इसका अर्थ यह है कि इन बैंकों का विफल होना देश की अर्थव्यवस्था के लिए सरकार द्वारा सहन नहीं किया जा सकता। इनके विफल होने से देश की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
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