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Uniform Civil Code: अब आप अपने घर से ही लाइव इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे, पूरा प्रक्रिया जानें।

घर बैठे करा सकेंगे विवाह, विवाह विच्छेदन व लिव इन का पंजीकरण   उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जिसने समान नागरिक संहिता को लागू किया ह...

घर बैठे करा सकेंगे विवाह, विवाह विच्छेदन व लिव इन का पंजीकरण


 उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जिसने समान नागरिक संहिता को लागू किया है। अब राज्य के निवासी अपने घर से ही लिव इन रिलेशनशिप का पंजीकरण करवा सकेंगे। इसके लिए उन्हें ucc.uk.gov.in पर जाकर पंजीकरण करना होगा। लिव इन रिलेशनशिप को आपसी सहमति से समाप्त करने की भी सुविधा उपलब्ध होगी। समान नागरिक संहिता के अंतर्गत विवाह, विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार और लिव इन रिलेशनशिप से संबंधित सभी प्रक्रियाओं का पंजीकरण किया जा सकेगा।

HighLights
  1. 10 माह और 22 दिन बाद कैबिनेट के सम्मुख प्रस्तुत की गई नियमावली
  2. गत वर्ष 14 मार्च को नियमावली बनाने को समिति का किया गया था गठन

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद देश में समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है। कानून बनने के 10 माह 22 दिन की मशक्कत के बाद नियमावली को कैबिनेट में प्रस्तुत किया गया, जहां इसे स्वीकृति दी गई। राज्य में संहिता के 26 जनवरी को लागू होने की संभावना है।

प्रदेश सरकार ने सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करने के लिए समान नागरिक संहिता कानून का निर्माण किया है। यह कानून 8 मार्च 2024 को विधानसभा में पारित किया गया। इसके बाद, 12 मार्च को इसे राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई। 14 मार्च को सरकार ने इसके नियमों को तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया। 


न्याय और विधायी विभाग के कई विचार-विमर्श के बाद, अब यह नियमावली अंतिम रूप में तैयार हो चुकी है। 92 पन्नों की इस नियमावली में प्रदेश के सभी नागरिकों के विवाह, तलाक, उत्तराधिकार के अधिकार, लिव-इन संबंध और लिव-इन संबंध की समाप्ति का पंजीकरण करने की प्रक्रिया का विवरण दिया गया है। आवेदक ucc.uk.gov.in पर पंजीकरण कर सकेंगे।

लिव इन संबंधों का पंजीकरण सहमति से समाप्त किया जा सकेगा। लिव इन में रहने वाले जोड़े आपसी सहमति से अपने पंजीकरण को रद्द कर सकते हैं। हालांकि, एक साथी द्वारा समाप्ति के लिए आवेदन करने पर दूसरे साथी की स्वीकृति आवश्यक होगी।


पंजीकरण की व्यवस्था तीन स्तरों पर स्थापित की जाएगी।

 नियमावली के अनुसार, ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम पंचायत विकास अधिकारी उप रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेंगे, जबकि एसडीएम स्तर के अधिकारी रजिस्ट्रार होंगे। नगर पालिका और पंचायतों में अधिशासी अधिकारी रजिस्ट्रार की भूमिका निभाएंगे, जबकि एसडीएम स्तर के अधिकारी रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेंगे। नगर निगमों में कर अधीक्षक सब रजिस्ट्रार और नगर आयुक्त रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेंगे। यह व्यवस्था इस उद्देश्य से बनाई गई है ताकि आम नागरिक स्थानीय स्तर पर ही पंजीकरण करवा सकें।


रजिस्ट्रार जनरल द्वारा अपीलों की सुनवाई की जाएगी  

पंजीकरण से संबंधित सभी मुद्दों पर शिकायतों की सुनवाई के लिए रजिस्ट्रार जनरल की नियुक्ति की जाएगी। आम नागरिक अपने मामलों की अपील इनसे कर सकेंगे। ये निश्चित समय सीमा के भीतर अपीलों का समाधान करेंगे।  


जल्द ही पंजीकरण शुल्क का निर्धारण किया जाएगा  

समान नागरिक संहिता के अंतर्गत विभिन्न कार्यों के पंजीकरण के लिए सरकार शुल्क निर्धारित कर रही है। इसकी दरें अभी तय की जा रही हैं। संहिता के लागू होने पर शुल्क की जानकारी आम जनता के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। सूत्रों के अनुसार, यह शुल्क 50 रुपये से लेकर 500 रुपये तक हो सकता है।  


घर से ही पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध  

नागरिक अपने घर से मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए उन्हें ucc.uk.gov.in पोर्टल पर जाकर पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण आधार नंबर के आधार पर किया जा सकेगा। 


सीएचसी के माध्यम से पंजीकरण कराने पर 50 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है। सरकार ने आम जनता को यह सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है। पंजीकरण के लिए आवेदकों को 50 रुपये का शुल्क अदा करना होगा, जबकि पंजीकरण शुल्क अलग से लिया जाएगा। पर्वतीय और दूरदराज के क्षेत्रों में सीएचसी के एजेंट नागरिकों के घर-घर जाकर यह सेवा प्रदान करेंगे।


इसके अतिरिक्त, शिकायतों के पंजीकरण के लिए पोर्टल का उपयोग करने की व्यवस्था भी की गई है। आम नागरिक अपने पंजीकरण आवेदन और शिकायतों को ई-मेल और एसएमएस के माध्यम से ट्रैक कर सकेंगे।


आज समान नागरिक संहिता के लिए बनाए गए वेब पोर्टल की जांच के लिए प्रदेश स्तर पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। इस ड्रिल में रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार पोर्टल के माध्यम से अपने कार्यों की समीक्षा करेंगे।


उत्तराधिकार के लिए आवश्यक होंगे नाम, पता और गवाह


उत्तराधिकार से संबंधित पंजीकरण की प्रक्रिया सभी रजिस्ट्रार कार्यालयों के माध्यम से संपन्न होगी। समान नागरिक संहिता का पोर्टल इस पंजीकरण का माध्यम बनेगा। इसमें सभी व्यक्तियों के नाम और पते के साथ-साथ गवाह की उपस्थिति भी अनिवार्य होगी। पोर्टल पर वसीयत को अपलोड कर ऑनलाइन पंजीकरण, संशोधन और रद्द करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।


पंजीकरण के आंकड़े होंगे सार्वजनिक


समान नागरिक संहिता के अंतर्गत होने वाले सभी प्रकार के पंजीकरण के आंकड़े सार्वजनिक किए जाएंगे। इसमें किसी भी प्रकार की निजी जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। इसके लिए पहले संबंधित व्यक्ति की अनुमति आवश्यक होगी।


तलाक के लिए कोर्ट का आदेश आवश्यक


तलाक के मामलों का पंजीकरण भी अनिवार्य किया गया है। हालांकि, यह व्यवस्था की गई है कि बिना कोर्ट के आदेश के तलाक का पंजीकरण नहीं किया जाएगा।


पोर्टल को सुरक्षित बनाया गया है


प्रदेश में हुए साइबर हमलों के मद्देनजर पोर्टल को सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं।


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