नेशनल डेस्क। आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी से एक हैरान करने वाली घटना की जानकारी मिली है। यहां एक मानसिक स्वास्थ्य से प्रभावित महिला ने कीपैड...
नेशनल डेस्क। आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी से एक हैरान करने वाली घटना की जानकारी मिली है। यहां एक मानसिक स्वास्थ्य से प्रभावित महिला ने कीपैड मोबाइल फोन को निगल लिया। डॉक्टरों ने सर्जरी के माध्यम से फोन को निकाला, लेकिन इलाज के दौरान उसकी स्थिति गंभीर हो गई और ऑक्सीजन की कमी के कारण उसकी मृत्यु हो गई।
क्या है मामला?
यह घटना आमतौर पर बच्चों द्वारा कुछ निगलने से होने वाले हादसों से भिन्न है, क्योंकि इसमें एक 35 वर्षीय महिला की जान गई है। राजमुंदरी की पेनुमल्ला राम्या स्मृति, जो मानसिक समस्याओं से ग्रस्त थीं, ने यह कदम उठाया। यह मामला तब उजागर हुआ जब उनके रिश्तेदार ने उनका फोन खोजने का प्रयास किया और स्मृति ने बताया कि उन्होंने फोन निगल लिया है।
कैसे हुई सर्जरी?
स्मृति को तुरंत राजमुंदरी के सरकारी जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। ईएनटी विशेषज्ञों ने जांच के दौरान पाया कि फोन उनके वॉयस बॉक्स में फंसा हुआ था। चिकित्सकों ने ऑपरेशन करके फोन को सफलतापूर्वक निकाल लिया।
क्या हुआ ऑपरेशन के बाद?
ऑपरेशन के दौरान उनका दिल अचानक रुक गया। चिकित्सकों ने त्वरित CPR देकर उनकी धड़कन को पुनः प्रारंभ किया, लेकिन ऑपरेशन के बाद उनके मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी के कारण दिल की कार्यक्षमता प्रभावित हुई। उनका रक्तचाप और हृदय गति असामान्य रूप से बढ़ गई, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया।
काकीनाडा में रेफर और मृत्यु
जब मरीज की स्थिति बिगड़ी, तो चिकित्सकों ने उन्हें बेहतर उपचार के लिए काकीनाडा के सरकारी जनरल अस्पताल (GGH) में भेज दिया। वहां इलाज के दौरान उनकी स्थिति और गंभीर हो गई, जिसके परिणामस्वरूप उनकी मृत्यु हो गई।
डॉक्टरों का सुझाव
➤ मनोरोग से जूझ रहे मरीजों की विशेष देखभाल करें।
➤ ऐसे मरीजों को अकेला न छोड़ें और उनकी आदतों पर नजर रखें।
➤ समय रहते इलाज कराना जरूरी है।
वहीं यह घटना बताती है कि मनोरोग को नजरअंदाज करना कितना खतरनाक हो सकता है। ऐसी परिस्थितियों में परिवार और समाज को मिलकर मरीज का साथ देना चाहिए।
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