Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Grid

GRID_STYLE

Hover Effects

TRUE

Breaking News

latest

इस तरीके से कद्दू (तोरी/जुकिनी) की खेती करें, पांच हजार रुपये की लागत में पांच लाख रुपये की आय प्राप्त करें।

  कद्दू (तोरी/जुकिनी) की खेती :- यह कृषि एक प्रकार की जैविक खेती है, जिसका फल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होगा। यदि आपके पास कौशल और समर्...

 कद्दू (तोरी/जुकिनी) की खेती:- यह कृषि एक प्रकार की जैविक खेती है, जिसका फल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होगा।


यदि आपके पास कौशल और समर्पण है, तो केवल नौकरी ही नहीं, बल्कि कृषि के माध्यम से भी अच्छा लाभ अर्जित किया जा सकता है। यदि आपके पास सही तकनीक है और फसल उगाने के उपाय ज्ञात हैं, तो आप कम लागत में भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

भारत में किसान अब बागवानी के प्रति अधिक रुचि दिखा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप उनकी आय में वृद्धि हुई है। विशेष रूप से, किसान बागवानी में सबसे अधिक सब्जियों की खेती कर रहे हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से कई किसान सब्जी बेचकर करोड़पति बन चुके हैं। हाल के समय में हम एक ऐसी सब्जी के बारे में चर्चा करेंगे, जिसकी खेती से छोटे किसान भी लखपति बन सकते हैं। इसके लिए उन्हें थोड़ी मेहनत करनी होगी।


यदि आप भी पांच हजार रुपये की लागत में पांच लाख रुपये की आय प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस कृषि विधि के बारे में अवश्य जानें। इस विधि से केवल दो महीने में पांच हजार रुपये की लागत में पांच लाख रुपये कमाए जा सकते हैं

तोरई की खेती करने की विधि:

  1. तोरई की खेती के लिए सबसे पहले खेत की गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें। 
  2. इसके बाद, खेत को कुछ दिनों के लिए खुला छोड़ दें ताकि उसमें पर्याप्त धूप मिल सके। 
  3. फिर, खेत में 15 से 20 टन पुरानी गोबर की खाद डालें और हल्की जुताई करें। 
  4. इसके बाद, रोटावेटर का उपयोग करके मिट्टी को भुरभुरा बना लें। 
  5. अंतिम जुताई के समय, मिट्टी में एन.पी.के. की 25: 35: 30 किलो ग्राम की मात्रा डालें। 
  6. इसके बाद, पाटा लगाकर मिट्टी को समतल करें। 
  7. अब, 2.5 x 2 मीटर की दूरी पर 30 सेमी x 30 सेमी x 30 सेमी आकार के गड्ढे खोदें और बेसिन तैयार करें।
  8.  इनमें बीज बोएं। 
  9. तोरई के पौधों के बीच की दूरी 1.0 से 1.20 मीटर होनी चाहिए। 
  10. एक स्थान पर दो बीज बोएं। 
  11. बीजों को अधिक गहराई में न बोएं, बल्कि उनकी गहराई 3 से 4 सेंटीमीटर रखें। 
  12. समय पर सिंचाई और गुड़ाई करना न भूलें।

No comments