सार हिमाचल प्रदेश में छात्रवृत्ति घोटाले के संबंध में 29 निजी संस्थानों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। इसके साथ ही, सीबीआई ने जिन निज...
सार
हिमाचल प्रदेश में छात्रवृत्ति घोटाले के संबंध में 29 निजी संस्थानों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। इसके साथ ही, सीबीआई ने जिन निजी शिक्षण संस्थानों को क्लीन चिट प्रदान की है, उनके रिकॉर्ड की भी जांच प्रारंभ कर दी है।
विस्तार
हिमाचल प्रदेश में 2013 से 2017 के बीच एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों के लिए केंद्र सरकार द्वारा दी गई छात्रवृत्ति में 181 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला फिर से चर्चा में आया है। इस मामले की जांच कर रहे ईडी के सहायक निदेशक और सीबीआई की शिमला शाखा में कार्यरत डीएसपी की गिरफ्तारी के बाद से नई गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हो गया है।
प्रवर्तन निदेशालय की दिल्ली और शिमला शाखा ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की नई जांच शुरू की है। इस प्रक्रिया में 29 निजी संस्थानों के रिकॉर्ड की गहन जांच की जा रही है। इसके साथ ही, सीबीआई ने जिन निजी शिक्षण संस्थानों को पहले क्लीन चिट दी थी, उनके रिकॉर्ड की भी जांच प्रारंभ कर दी है। विकास बंसल और गुलशन शर्मा की गिरफ्तारी से मामले में कई नए तथ्य सामने आने की संभावना है, जिससे आगे की गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हो सकता है।
सीबीआई की शिमला शाखा ने हिमाचल प्रदेश के 29 शिक्षण संस्थानों के संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिसमें लगभग 150 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इस मामले में 7 निजी शिक्षण संस्थानों को क्लीन चिट दी गई है। सीबीआई ने पहले ही चंडीगढ़ में जांच कर रहे डीएसपी को गिरफ्तार किया है, जिन पर कमीशन लेने का आरोप है। इसके अलावा, ईडी भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है।
यह मामला है
केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के माध्यम से एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना लागू की थी, लेकिन हिमाचल प्रदेश में योग्य छात्रों को यह छात्रवृत्ति प्राप्त नहीं हुई। राज्य के अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों के लिए 36 योजनाओं के अंतर्गत प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं किया गया है।
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