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हिमाचल प्रदेश के निवासियों को इस महीने से दूध और पर्यावरण सेस का भुगतान करना होगा, जिससे लगेगा महंगी बिजली का झटका।

 हिमाचल प्रदेश में इस महीने से बिजली की दरों में वृद्धि की गई है, जिसमें उपभोक्ताओं के बिलों में दूध और पर्यावरण सेस को शामिल किया गया है। घ...

 हिमाचल प्रदेश में इस महीने से बिजली की दरों में वृद्धि की गई है, जिसमें उपभोक्ताओं के बिलों में दूध और पर्यावरण सेस को शामिल किया गया है। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट दस पैसे और अन्य उपभोक्ताओं के लिए दो पैसे से लेकर छह रुपये प्रति यूनिट तक की बढ़ोतरी की गई है, जिससे 27 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का सामना करना पड़ेगा। 

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने पिछले वर्ष विधानसभा के मानसून सत्र में विद्युत शुल्क संशोधन अधिनियम 2024 को स्वीकृति दी थी। इसके तहत दूध और पर्यावरण सेस वसूलने के लिए बोर्ड को अपने सॉफ्टवेयर में आवश्यक परिवर्तन करने पड़े, जो अब पूर्ण हो चुके हैं। इस महीने से जारी होने वाले बिजली बिलों में ये नए शुल्क शामिल होंगे।

इस माह के बिजली बिलों में दूध सेस जोड़ा जाएगा। घरेलू उपभोक्ताओं पर केवल दूध सेस लागू होगा, जबकि अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं को दूध के साथ पर्यावरण सेस भी चुकाना पड़ेगा। शून्य बिल वाले घरेलू उपभोक्ताओं से दूध उपकर नहीं लिया जाएगा। 


लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों, वाणिज्यिक उपभोक्ताओं, स्टोन क्रशर और चार्जिंग स्टेशन मालिकों से दूध उपकर के साथ-साथ पर्यावरण उपकर भी लिया जाएगा। इन श्रेणियों को 10 पैसे के दूध उपकर के अलावा 2 पैसे से लेकर 6 रुपये प्रति यूनिट पर्यावरण उपकर चुकाना होगा। 

उद्योगों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। पर्यावरण उपकर के लिए उद्योगों को लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों में विभाजित किया गया है। लघु उद्योगों पर प्रति यूनिट दो पैसे, मध्यम उद्योगों पर चार पैसे, बड़े उद्योगों पर 10 पैसे, वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर 10 पैसे, अस्थायी कनेक्शनों पर दो रुपये और स्टोन क्रशरों पर दो रुपये प्रति यूनिट का पर्यावरण उपकर लगाया जाएगा। विद्युत वाहन चार्जिंग स्टेशनों से 6 रुपये प्रति यूनिट उपकर लिया जाएगा।

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