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छोटा बॉम्ब, बड़ा धमाका! पहाड़ों पर दौड़ा रही बस...ये हैं 'हेवी ड्राइवर' मंजू, माता-पिता चलाते हैं फास्ट फूड शॉप

 नूरपुर की अंजू देवी उन कुछ महिलाओं में से एक हैं जो हेवी व्हीकल चलाने का कार्य करती हैं। एचआरटीसी वर्कशॉप में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही अंजू...

 नूरपुर की अंजू देवी उन कुछ महिलाओं में से एक हैं जो हेवी व्हीकल चलाने का कार्य करती हैं। एचआरटीसी वर्कशॉप में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही अंजू का सपना वॉल्वो बस चलाना है। उनके माता-पिता फास्ट फूड कॉर्नर का संचालन करते हैं।

पहाड़ी क्षेत्रों की घुमावदार सड़कों पर महिलाएं भी पुरुषों की तरह छोटी गाड़ियों का संचालन करती हैं। फिर भी, हेवी व्हीकल चलाने वाली महिलाओं की संख्या अभी भी सीमित है। शिमला, हमीरपुर, मंडी, सोलन और किन्नौर से कुछ महिलाएं हैं, जो ट्रक, जेसीबी, बस और अन्य हेवी व्हीकल चलाने की क्षमता रखती हैं। अब एक और महिला इस दिशा में आगे बढ़ रही है और हेवी व्हीकल चलाने लगी है। यह कहानी हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नूरपुर की अंजू देवी की है। वास्तव में, अंजू जसूर में एचआरटीसी की मंडलीय वर्कशॉप में बस चलाने का प्रशिक्षण ले रही हैं। अंजू देवी मूल रूप से चंबा के भरमौर के घरोला गांव की निवासी हैं और वर्तमान में गंगथ कस्बे में अपने परिवार के साथ रह रही हैं।

यहां उसके माता-पिता फास्ट फूड के व्यवसाय में लगे हुए हैं। जब अंजू ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजमार्ग पर बस चलाई, तो सभी लोग आश्चर्यचकित रह गए। ऐसा प्रतीत नहीं हुआ कि ड्राइविंग सीट पर कोई अनुभवहीन व्यक्ति है, बल्कि एक पांच फीट की लड़की ने बस के स्टीयरिंग को कुशलता से संभाला। अंजू ने बताया कि वह फिलहाल एक साधारण बस चला रही है, लेकिन उसका सपना वॉल्वो बस चलाने का है। उसने यह भी कहा कि वह किसी को देखकर ड्राइविंग सीखने नहीं आई हैं, बल्कि यह उनका शौक है। कार्यशाला के तकनीकी अधिकारी अक्षय धीमान ने बताया कि अंजू ने बस चालक का प्रशिक्षण लेकर और उसे सड़क पर चलाकर यह साबित कर दिया है कि लड़कियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं और वे हर क्षेत्र में अपने भविष्य का निर्माण कर सकती हैं।



देखने में छुटकी सी और पहाड़ों पर सरपट दौड़ा रही बस...ये हैं 'हेवी ड्राइवर' मंजू, माता-पिता चलाते हैं फास्ट फूड शॉप

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