हिमाचल प्रदेश के बिजली बोर्ड में इंजीनियरों और कर्मचारियों के 600 पदों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के...
हिमाचल प्रदेश के बिजली बोर्ड में इंजीनियरों और कर्मचारियों के 600 पदों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा।
राज्य बिजली बोर्ड में इंजीनियरों और कर्मचारियों के 600 पदों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय वीरवार को शिमला स्थित कुमार हाउस में हुई निदेशक मंडल की बैठक में लिया गया। इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए सरकार को भेजा जाएगा, जबकि अतिरिक्त स्टाफ को अन्य विभागों में समायोजित किया जाएगा। निदेशक मंडल के इस निर्णय के खिलाफ संयुक्त मोर्चा सक्रिय हो गया है, जिसके पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से जल्द मुलाकात करने की योजना बनाई है।
बिजली बोर्ड को वित्तीय संकट से उबारने के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी ने स्टाफ के युक्तिकरण की सिफारिश की है। इसी संदर्भ में, निदेशक मंडल की बैठक में अध्यक्ष संजय गुप्ता की अध्यक्षता में युक्तिकरण को स्वीकृति दी गई। इस निर्णय का प्रभाव बिजली बोर्ड में इंजीनियरों और कर्मचारियों की संख्या पर पड़ेगा।
बिजली बोर्ड में कुल 13,446 कर्मचारी कार्यरत हैं। बोर्ड के अधिकारियों ने सूचित किया है कि 7,376 पदों को समाप्त करने की योजना है, जिसमें पहले चरण में जनरेशन विंग के अंतर्गत 600 पदों को समाप्त किया जाएगा। प्रस्तावित कटौती राज्य बिजली बोर्ड के मंजूर पदों का 29 प्रतिशत है। दूसरी ओर, राज्य बिजली बोर्ड की कर्मचारी यूनियन के महासचिव हीरा लाल वर्मा ने इस निर्णय का विरोध किया है और कहा है कि वे मुख्यमंत्री के समक्ष इस मुद्दे को उठाएंगे। यदि मुख्यमंत्री से भी कोई समाधान नहीं मिला, तो वे आंदोलन की अगली रणनीति तय करेंगे।
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