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सत्ता के संरक्षण में पनप रहा माफिया राज और भ्रष्टाचार: जय राम ठाकुर

 पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार की अराजकता और माफियाराज के ख़िलाफ़ हल्ला बोल प्रदर्शन में शामिल होकर कहा कि ...


 पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार की अराजकता और माफियाराज के ख़िलाफ़ हल्ला बोल प्रदर्शन में शामिल होकर कहा कि यह सरकार माफियाराज और भ्रष्टाचार के मकड़जाल में जकड़ गई है। प्रदेश में हर तरफ़ अराजकता और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। सरकार के संरक्षण में प्रदेश में माफ़ियाराज फल फूल रहा है। आज तक भ्रष्टाचार को सरकार से इस तरह से संरक्षण नहीं मिला है। आज जो हो रहा है वह न प्रदेश में पहले कभी हुआ है और न ही देवभूमि की संस्कृति के अनुरूप है। प्रदेश में वन माफिया लाखों पेड़ो की कटान कर रहा है और सरकार उस पर कार्रवाई करने के बजाय संरक्षण दे रही है। साथ ही सरकार में मित्रों का जो बोलबाला है वह प्रदेश के हितों  पर भारी पड़ रहा है। अब उसमें अफसरशाही भी शामिल हो गई है। जिसकी वजह से विमल नेगी जैसे ईमानदार, कर्मठ और सुलझे हुए अधिकारी आज हमारे बीच नहीं हैं। सुक्खू सरकार प्रदेश मित्र सरकार होने के बजाय मित्रमंडली हितैषी सरकार है। जो झूठ के भरोसे सत्ता में आई और झूठ और महा झूठ के भरोसे सत्ता में बनी रहना चाहती है। 


धर्मपुर का मामला एक अनोखा उदाहरण है। जहां वन विभाग की मिली भगत से हजारों टन लकड़ी काटी और बेची गई और भाजपा के द्वारा शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसमें किस राजनैतिक पार्टी के नेता और उनके करीबियों का नाम सामने आया? बद्दी में खनन साइट्स तक गाड़ियां पहुंचाने के लिए जंगल और पहाड़ काटकर तीन किलोमीटर तक सड़क बना दी, वन विभाग सोता रहा। आम आदमी से एक टहनी कट जाए तो उसका जीना मुश्किल हो जाता है। किस तरह अवैध खनन पर कार्रवाई करने पर एसपी स्तर के अधिकारी को प्रताड़ित किया जाता है। इस सरकार ने भ्रष्टाचार और माफियाराज का संस्थानीकरण कर दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय तक भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं।  खनन के लिए जिस व्यक्ति को ईडी द्वारा अरेस्ट किया गया है वह व्यक्ति सीएम की गाड़ी में बैठकर सीएम ऑफिस तक जाता है। इसके बाद भी सीएम इन मामलों के प्रति गंभीर नहीं है। इससे सभी की मंशा स्पष्ट हो जाती है। डीसी स्तर के अधिकारियों पर करप्शन के आरोप लग रहे हैं। लेकिन सरकार इनकी सीआईडी करवाने के बजाय विपक्षी नेताओं के कार्यालयों की सीआईडी करवा रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।   


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस सरकार में खनन युद्ध स्तर पर दिन दहाड़े हो रहा हैं। पहाड़ के पहाड़ खोद लिए गए। नदियों और नालों का रास्ता तक बदल गया। सड़कें खतरे में आ गई बड़े-बड़े पुल का अस्तित्व खतरे में आ गया है। एसपी ऑफिस के आस पास का इलाका भी खनन माफिया खोद के ले जा रहा है और स्थानीय लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करने के वाद भी पुलिस मौके तक नहीं जाती है। चिट्टा माफिया आज प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंच गया है। नशा माफिया को सरकार का संरक्षण मिल रहा है। सिर्फ़ इस साल में 14 युवा की मौत हुई है। प्रदेश में दो साल के कार्यकाल में 180 से ज़्यादा हत्या, 600 से ज़्यादा रेप और 2500 से ज़्यादा चोरी की घटनाएं हुई हैं।  इसके अलावा प्रदेश में इस  समय ट्रांसफर माफिया खूब फल फूल रहा है। क्या ट्रांसफर माफिया बिना सरकार के काम कर सकता है। 


आउटसोर्स की भर्ती पर कोर्ट की रोक है लेकिन आउट सोर्स के नाम पर माफिया प्रदेश में खूब वसूली कर रहा है। स्क्रैप माफिया जिस तरह से उद्योगों में उत्पात मचा रहा है वह किसी से छुपा नहीं हैं। उद्योग नगरी में किस तरह से माफिया दनदना रहा है। किस तरह से उद्योगों से वसूली की जा रही है। किस तरह से उन्हें डराया धमकाया जा रहा है। किस तरह से उन्हें पलायन के मजबूर किया जा रहा है। किस तरह से वह सरकार से सुरक्षा की गुहार मचा रहे हैं और सरकार उनकी आवाज को अनसुना कर दिया है। 118 की छूट के नाम पर किस तरह से बड़े-बड़े नेताओं का नाम लेकर मदद करने की बातें की जा रही हैं, लेकिन सरकार को इस घटना पर साँप सूंघ जाता है, ऐसा काम करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, इसका मतलब क्या है?  इसीलिए यह स्पष्ट है कि प्रदेश में व्याप्त माफियाराज को सरकार का सहयोग, समर्थन और संरक्षण है। सरकार के ख़िलाफ़ अब प्रदेश के लोगों ने हल्ला बोल दिया है। यह लड़ाई हम रुकने नहीं देंगे और सरकार के भ्रष्टाचार के पाई-पाई का हिसाब लेंगे।

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