(जमालपुर से रितेश कुमार की रिपोर्ट) जमालपुर : लौहनगरी जमालपुर में सरकारी छापाखाना को आज संजीवनी की जरूरत है। जिला परिषद भी आज की तारीख ...
(जमालपुर से रितेश कुमार की रिपोर्ट)
जमालपुर : लौहनगरी जमालपुर में सरकारी छापाखाना को आज संजीवनी की जरूरत है। जिला परिषद भी आज की तारीख में इसको लेकर उदासीन नजर आ रहा है। कहा जाता है,अंग्रेजी शासन काल में जब इसकी शुरुआत हुई थी तब इसका जबरदस्त बोलबाला था।मगर,आज प्रशासन तक चुप है। उल्लेखनीय है,पूर्व में केवल मात्र पटना और पूर्णिया में ही सरकारी प्रेस हुआ करते थे। वो भी आज पूरी तरह से निष्क्रिय बनी हुई है। 2008 में खरीदी गई आफसेट मशीन,जिसके कलपूर्जे कोलकाता में ही उपलब्ध हैं।मगर,मानव संसाधन की कमी की बजह से इसे बंगाल के कोलकाता से लाकर काम कर पाना कफी मुश्किल है। जहाँ पूर्व में सोलह स्थायी कर्मचारी काम किया करते द
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