▶️ईको ट्यूरिज्म पॉलिसी के तहत 77 चिन्हित पर्यटन स्थानों की खुली बोली से रघुरगढ़ पर्यटन स्थल को हटाया जाए। ▶️दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर प्रद...
▶️ईको ट्यूरिज्म पॉलिसी के तहत 77 चिन्हित पर्यटन स्थानों की खुली बोली से रघुरगढ़ पर्यटन स्थल को हटाया जाए।
▶️दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर प्रदर्शन में शामिल हुए भाजपा कांग्रेस के कई नेता।
▶️सैंकड़ों महिलाओं पुरुषों व बुजुर्गों ने जलोड़ी पास में किया विरोध प्रदर्शन
डी० पी० रावत।
आनी,17 मई।
हिमाचल प्रदेश के ज़िला कुल्लू के तहत तहसील आनी कोठी रघुपुरगढ़ के अन्तर्गत तमाम फाटियों से संबंधित सैंकड़ों महिलाओं पुरुषों व बुजुर्गों ने जलोड़ी पास में सरकार की ईको ट्यूरिज्म पॉलिसी के तहत 77 चिन्हित पर्यटन स्थलों में रघपुरगढ़ पर्यटन स्थल को शामिल करने के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया।
ग़ौरतलब है कि विगत दिनों में कुल्लू ज़िला के विकास खण्ड आनी के तहत उभरते पर्यटन स्थल जलोड़ी जोत से सटे ऐतिहासिक रघुरगढ़ से पर्यटन व्यवसाय से जुड़े स्थानीय युवाओं के कैंपिंग साइट को वन विभाग और पुलिस द्वारा हटाया गया है।
पूर्व अध्यक्ष युवा कांग्रेस आनी रमेश ठाकुर ने बताया कि ज़िला स्तरीय आनी मेला के समापन समारोह के दिन लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में डीएफओ आनी को सख्त निर्देश दिए थे कि रघुपुर के युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर रघुपुर गढ़ में पर्यटन कारोबार में आजीविका प्रदान करने यथा संभव सहयोग करे। डीएफओ आनी ने इसके एवज में कुछ दिनों बाद रघुपुर से उन युवाओं को वहां से खदेड़ा जिन्होंने पिछले तीन चार वर्षों में रघुपुर गढ़ में पर्यटन आधारभूत ढांचा विकसित कर विश्व भर से पर्यटकों को यहां आकर्षित करने में अपनी अहम भूमिका निभाई।
उन्होंने वन मण्डल अधिकारी आनी स्थित लुहरी पर मनमानी करने और राजनैतिक दवाब में कार्य करने के आरोप लगाया।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता व प्रधान ग्राम पंचायत मुहान संतोष ठाकुर ने सरकार के इस कदम को अनुचित करार दिया ओर उन्होंने सरकार के समक्ष इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाने की बात कही।
जलोड़ी ईको ट्यूरिज्म सोसाइटी के अध्यक्ष उगम ठाकुर ने कहा है कि आज का धरना तो सिर्फ़ सरकार को चेतावनी ज़ारी करने के लिए आयोजित किया गया है।
यदि सरकार,वन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्ण विचार नहीं किया तो आगामी दिनों में इस प्रकार के जन आक्रोश धरने प्रदर्शन आनी, निगान या डीएफओ दफ्तर लुहरी का घेराव या कहीं भी पहिए जाम किया जा सकता है।
रघुपुर गढ़ में पर्यटन कारोबारी युवाओं का कहना है यदि सरकार और वन विभाग ने उनकी मांगों को मानने में आनाकानी की तो आनी के अन्दर कानून व्यवस्था बिगड़ने में देर नहीं लगेगी। जिसकी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी। क्योंकि आगामी रणनीति के अनुसार हजारों की संख्या में स्त्री,पुरुष,बूढ़े और
युवा सड़को पर उतरने के लिए तैयार हैं।
ऊंची ऊंची खुली बोली लगने से स्थानीय होंगे बाहर।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि खुली बोली प्रक्रिया में बोली क़रीब एक डेढ़ करोड़ तक जा सकती है। इतनी ऊंची बोली लगाने में स्थानीय लोग असमर्थ होंगे। इस प्रकार यहां पूंजीपतियों का बोलबाला होगा। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पूंजीपतियों को लाभ देने के लिए स्थानीय युवाओं को उजड़ा जा रहा है।
रघुपुरगढ़ पर्यटन स्थल बाद में,पहले देवस्थल।
कुछेक प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पूंजीपतियों के यहां जमने से देव आस्था को चोट पहुंच सकती है। उनका उद्देश्य सिर्फ़ लाभ कमाना है। उनका देव आस्था से कोई लेना देना नहीं होगा।
इस प्रदर्शन में शामिल कई प्रवक्ताओं भाजपा नेता रफ़्तार ठाकुर,जोत राम कश्यप, सुरेन्द्र ठाकुर, एडवोकेट रोहित साहसी आदि ने बिना नोटिस दिए रघुपुरगढ़ में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े स्थानीय युवाओं के कैंपिंग साइट को खदेड़ने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार।
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