Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Grid

GRID_STYLE

Hover Effects

TRUE

Breaking News

latest

हिमाचल पंचायत में बड़ा घोटाला: ग्राम पंचायत नौर के प्रधान काहन चंद बर्खास्त, लाखों की धांधली उजागर

  डी० पी० रावत। अखण्ड भारत दर्पण न्यूज़  निरमण्ड,29 जून।  हिमाचल प्रदेश की ग्राम पंचायत नौर, विकास खंड निरमंड, जिला कुल्लू में करोड़ों के घो...

 




डी० पी० रावत।

अखण्ड भारत दर्पण न्यूज़ 

निरमण्ड,29 जून।

 हिमाचल प्रदेश की ग्राम पंचायत नौर, विकास खंड निरमंड, जिला कुल्लू में करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। पंचायत के कार्यकाल 2021 से 2024 के दौरान भारी वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि हुई है। पूरे मामले की जांच के बाद जिला पंचायत अधिकारी कुल्लू ने प्रधान श्री काहन चंद को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।




क्या है पूरा मामला?


जिला विकास अधिकारी के कार्यालय को एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें पंचायत में करीब दो करोड़ रुपये के घोटाले की बात कही गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच कमेटी गठित की गई, जिसने एक महीने के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए:



मुख्य आरोप इस प्रकार हैं:


🔹 आरोप संख्या-1:

मनरेगा कार्य में साइनबोर्ड नहीं लगाए गए। साथ ही प्रधान ने अपनी पत्नी के नाम पर फर्जी भुगतान कर ₹1,85,000 की राशि हड़प ली।


🔹 आरोप संख्या-10:

इंटरलॉक टाइल्स के कार्य में ₹2,82,625 का खर्च दिखाया गया, जबकि वास्तविक मूल्यांकन ₹2,26,031 था। ₹56,594 की अतिरिक्त राशि हड़पने का आरोप सिद्ध।


🔹 आरोप संख्या-16:

अमृत सरोवर निर्माण में ₹37,800 का फर्जी खर्च दर्शाया गया, जबकि मौके पर कोई सामग्री या कार्य नहीं मिला। मजदूरों को भी भुगतान नहीं हुआ।


🔹 आरोप संख्या-17:

चादरों की खरीद में अधिक मूल्य दर्शाकर बिलों में हेराफेरी की गई और घटिया गुणवत्ता का माल खरीदा गया।



कानूनी कार्रवाई शुरू:


जांच रिपोर्ट के आधार पर, यह स्पष्ट पाया गया कि प्रधान काहन चंद ने हिमाचल प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1994 की धारा 145(1)(क) के अंतर्गत कर्तव्यों के दुरुपयोग, वित्तीय अनियमितता और कदाचार किया है। उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उनका उत्तर असंतोषजनक पाया गया।

तत्काल बर्खास्तगी के आदेश:


जिला पंचायत अधिकारी दयाराम ठाकुर ने अपने आदेश में लिखा कि काहन चंद को तत्काल प्रभाव से प्रधान पद से बर्खास्त किया जाता है और पंचायत नौर के कार्यों की जिम्मेदारी उप-प्रधान को सौंपी जाती है।


प्रशासन अलर्ट, पुलिस को सूचित:


यह आदेश पंचायत विभाग, पुलिस विभाग (भ्रष्टाचार रोकथाम शाखा), और ग्रामीण विकास विभाग को भेजा गया है। अब आगे की कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग अलर्ट पर हैं।


निष्कर्ष:


हिमाचल प्रदेश की पंचायतों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह कार्रवाई एक कड़ा संदेश है। जिला प्रशासन ने दिखा दिया है कि पंचायत स्तर पर भी यदि भ्रष्टाचार होगा, तो उस पर सख्त कार्रवाई तय है।


 भविष्य में ऐसी खबरों और पंचायत से जुड़ी पारदर्शिता के मुद्दों के लिए अखण्ड भारत दर्पण न्यूज़ पर पढ़ते रहें।

No comments