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लोक निर्माण विभाग की सुस्ती के चलते 6 साल में भी पूरा नहीं हो पाया एपीआरओ भवन आनी का निर्माण ।

लोक निर्माण विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली एपीआरओ (सहायक लोक संपर्क अधिकारी) भवन आनी पर भारी पड़ रही है। निर्माण कार्य को लेकर विभा...




लोक निर्माण विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली एपीआरओ (सहायक लोक संपर्क अधिकारी) भवन आनी पर भारी पड़ रही है। निर्माण कार्य को लेकर विभाग की सुस्ती का आलम यह है कि वर्ष 2020 में भवन निर्माण को लेकर अधिकतर बजट स्वीकृत होकर लोक निर्माण विभाग को जारी कर दिया गया है लेकिन अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। करीब 40 फीसदी निर्माण छह साल बाद भी पूरा होना बाकि है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब लोक संपर्क विभाग की ओर से भवन निर्माण को लेकर अधिकतर बजट जारी कर दिया गया है तो बीते दो सालों में भी भवन का निर्माण कार्य पूरा क्यों नहीं हो पाया है।

क्या विभाग निर्माण लागत के बढ़ने का इंतजार कर रहा है या फिर अधिकारियों और ठेकेदारों की मनमर्जी इस भवन को पूर्ण होने पर अडंगा लगाए हुए है, ये अपने आप में बड़ा सवाल है। एपीआरओ भवन में कार्यालय और आवास का निर्माण किया जाना है। प्रस्तावित निर्माण एक से दो साल के भीतर पूरा किया जा सकता था लेकिन छह साल बाद भी यह भवन निर्माण अभी तक पूरा नहीं हो सका है। सहायक लोक संपर्क अधिकारी कार्यालय आनी फिलहाल पुराने अस्पताल में अस्थायी तौर पर स्थापित किया गया है।
बार बार अड़चन से बढ़ रही लागत

एपीआरओ भवन करीब 1 करोड़ 2 लाख रुपए की लागत से तैयार किया जा रहा है। शुरुआती तौर पर इसके लिए करीब 30 लाख, दूसरी किश्त के तौर पर निर्माण के लिए करीब 35 लाख रुपए जारी हुए हैं। शेष राशि भी लोक संपर्क विभाग से जारी करने की मंजूरी मिल चुकी है लेकिन लोक निर्माण विभाग का रवैया निर्माण को लेकर ढुलमुल ही रहा है। इससे भवन निर्माण की लागत राशि में इजाफा हो रहा है।
लोक निर्माण विभाग की सुस्ती पर सवाल

लोक निर्माण विभाग खण्ड निरमण्ड की ओर से विभिन्न भवन निर्माण को लेकर समय- समय पर सवाल उठते रहे हैं। कहीं भवनों का निर्माण कार्य समय पर चालू नहीं होता तो कहीं विभिन्न विभागों की राशि कई सालों तक विभाग के खाते में जमा रहती है। ऐसे में एपीआरओ भवन निर्माण को लेकर भी सवाल उठ रहा है कि राशि मंजूर होने के बावजूद लोक निर्माण विभाग अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाता है या फिर निर्माण कार्य अधर में लटका रहेगा।

इस बारे में लोनिवि निरमण्ड के अधिशासी अभियंता राजेश शर्मा का कहना है कि भवन के दरवाजे खिड़की पहले लोहे की लगनी थी, जिसे अब बदल कर एल्मिनियम किया गया है, जिसकी मंजूरी आनी है। उन्होंने कहा कि दो दिनों में ऊपर बात कर समस्या का समाधान किया जाएगा।

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