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पुरानी पेंशन बहाली के लिए NPS कर्मचारियों का क्रमिक अनशन अचार संहिता तक रहेगा जारी।

पुरानी पेंशन बहाली के लिए शिमला में चल रहे  न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) महासंघ के क्रमिक अनशन को 2 महीने पूरे हो गए है l इस मौके प...

पुरानी पेंशन बहाली के लिए शिमला में चल रहे  न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) महासंघ के क्रमिक अनशन को 2 महीने पूरे हो गए है l इस मौके पर नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के राज्य अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर तथा महासचिव भरत शर्मा व अन्य साथी क्रमिक अनशन पर बैठे साथियों का हौंसला बढ़ाने के लिए क्रमिक अनशन स्थल पर पहुंचे।बुधवार को जिला शिमला देहा ब्लाक के कर्मचारी क्रमिक अनशन पर बैठे हैं l हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी 6 स्थानों पर कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली के लिए क्रमिक अनशन कर रहे है।l नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ का क्रमिक अनशन चुनाव आचार संहिता तक चलेगा। चुनाव आचार संहिता तक इंतजार किया जाएगा कि वर्तमान सरकार कर्मचारियों की पेंशन बहाल कर दें , यदि सरकार पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती तो इस बार कर्मचारी अपना वोट पुरानी पेंशन बहाली के लिए देंगे। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने पिछले 6 वर्षों से संघर्ष किया है और अब वह पुरानी पेंशन बहाली से कम कुछ नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग डेढ़ लाख कर्मचारी एनपीएस में आते हैं और 1 लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन में आते हैं l सभी चाहते हैं कि हिमाचल प्रदेश में पेंशन बहाल हो। कर्मचारियों की यह संख्या लगभग ढाई लाख के आसपास बैठती है। जिसका सीधा मतलब है कि कर्मचारी यदि चुनावों में किसी भी दल का समर्थन या विरोध करते हैं तो यह संख्या उनके परिवार और अन्य साथियों के साथ 10 लाख तक पहुंच सकती है l  पिछले तीन चुनावों में देखें तो 100000 से 200000 के बीच ही वोटों का अंतर राजनीतिक दलों का हिमाचल प्रदेश में रहा है l विधानसभा के हिसाब से देखा जाए तो यह कर्मचारी 3000 के आसपास हर विधानसभा क्षेत्र में है। पिछले चुनावों को देखा जाए तो 23 ऐसी विधानसभा सीटें हैं जहां 2000 या इससे कम का अंतर यहां के चुनावों में रहा है l जिसका मतलब यह होता है कि कर्मचारी इस बार चुनावों में बहुत असरदार साबित होंगे और सरकार किसकी बनेगी यह निर्णय भी कर्मचारी ही करेंगे। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने अपनी मांग को लगातार विभिन्न माध्यमों से सरकार के समक्ष रखा है और सरकार ने लगातार कर्मचारियों को गुमराह करने का यह काम किया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्य में कर्मचारियों की पेंशन बहाल हो चुकी है लेकिन खेद का विषय है कि हिमाचल में सरकार कर्मचारियों की पेंशन बहाल नहीं कर पा रही है। यदि जल्द सरकार पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती तो कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ना लाजमी है और यह नाराजगी चुनावों में भी सरकार को देखने को मिलेगी । प्रदीप ठाकुर व भरत शर्मा ने प्रदेश के सभी कर्मचारियों से इस बार अपना वोट पुरानी पेंशन बहाली के लिए देने की अपील की है तथा उन्होंने कर्मचारियों से यह भी अपील की है कि अपने वोट के साथ-साथ अपने परिवार व अपने संबंधियों के वोट भी पुरानी पेंशन बहाली के लिए ही देने का आग्रह करें ताकि हिमाचल प्रदेश में जल्द से जल्द पेंशन बहाल हो सके ।

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