Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Grid

GRID_STYLE

Hover Effects

TRUE

Breaking News

latest

SFI हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने विश्वविद्यालय में हॉस्टल लिस्ट में हो रही धांधली व अन्य मांगों को लेकर किया धरना प्रदर्शन।

एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा शुक्रवार को विश्वविद्यालय में हॉस्टल लिस्ट में हो रही धांधली व हॉस्टल...

एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा शुक्रवार को विश्वविद्यालय में हॉस्टल लिस्ट में हो रही धांधली व हॉस्टलों से संबंधित मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया।
इसमें धरने का संचालन करते हुए एसएफआई हिमाचल प्रदेश इकाई सचिवालय सदस्य शाहबाज़ खान ने कहा कि अभी जो भी हॉस्टलों की लिस्ट लग रही हैं उसमें प्रशासन सीधे तौर पर धांधलियां कर रहा है। आम छात्रों के हॉस्टल का अधिकार एक विशेष विचारधारा या अपने चहितों को दिया जा रहा है । जो छात्र मेरिट में ऊपर हैं उनको हॉस्टल न देकर उन छात्रों को हॉस्टल दिया जा रहा है जो मेरिट में बहुत नीचे हैं और वह छात्र एक विशेष विचारधारा व विशेष संगठन से संबंधित हैं। प्रशासन के इस रवैये से विश्वविद्यालय का आम छात्र बहुत परेशान है। SFI का यह साफ मानना है कि हर छात्र को हॉस्टल की सुविधा मिलनी चाहिए। काफी लंबे समय से हॉस्टलों के लिए पैसा विश्वविद्यालय के पास आया हुआ है, परंतु विश्वविद्यालय प्रशासन नए हॉस्टलों के निर्माण कार्य को शुरू करने की कोई सुध नहीं ले रहा है। छात्रों को महंगे किराए के कमरों व पीजी में खुलेआम लूटा जा रहा है।
इस धरने पर विस्तार पूर्वक बात रखते इकाई सह सचिव सनी सेकटा ने बताया कि छात्रावासों की बहुत दयनीय स्थिति है एक तरफ प्रशासन लगभग 20% छात्रों को हॉस्टल देने में सक्षम हो पाया है दूसरी और प्रशासन उन्हीं थोड़े से हॉस्टलों को भी चलाने में नाकाम हो रहा है। आए दिन छात्रावासों में पानी की दिक्कत बहुत ज्यादा बढ़ रही है व साथ ही साथ छात्रावासों के उपकरण व मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। कन्या छात्रावासों में देखा गया है कि बिजली के उपकरण खराब होने पर प्रशासन उसकी कोई सुध नहीं लेता है और छात्राएं स्वयं पैसे इकट्ठा करके उन उपकरणों को ठीक करवाने के लिए 
सामान लाकर स्वयं ही ठीक करने को मजबूर हो रही हैं। इससे साफ पता चलता है कि प्रशासन का छात्रों के प्रति क्या रवैया है। इससे छात्रों की शिक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही साथ विश्वविद्यालय का स्तर भी गिरता जा रहा है। छात्रों को आ रही इन सब समस्याओं पर जब एसएफआई ने विश्वविद्यालय में एक आंदोलन खड़ा किया व छात्रों को लामबंद करने की कोशिश की तो विश्वविद्यालय में एक सरकारी छात्र विरोधी संगठन ने छात्रों को मुद्दों से भटकाने के लिए कन्या छात्रावासों में फ्रेशर पार्टी के नाम पर छात्रों को गुमराह करने की कोशिश की ताकि छात्रों का ध्यान इन सब मुद्दों से हट जाए और छात्र इस आंदोलन में हिस्सा न ले पाएं।
SFI इस धरने की माध्यम से प्रशासन और सरकार को यह चेतावनी देती है कि यदि शीघ्र इन मुद्दों पर काम नहीं किया गया व शीघ्र ही नए छात्रावासों के निर्माण कार्य को शुरू नहीं किया गया तो एसएफआई उन तमाम प्रभावित छात्रों व आम छात्रों को लामबंद करते हुए एक निर्णायक आंदोलन लड़ेगी और इसकी पूरी जिम्मेवारी विश्वविद्यालय प्रशासन व प्रदेश सरकार की होगी।

No comments