Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Grid

GRID_STYLE

Hover Effects

TRUE

Breaking News

latest

कोर्ट को झूठा आश्वासन देने पर पीडब्ल्यूडी का एक्सईएन सस्पेंड, जानिए क्या है पूरा मामला ?

4 अगस्त ।  जिला संवाददाता शिमला ।   हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने अदालत को झूठा आश्वासन देने पर लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता (एक्सईएन) ...


4 अगस्त

 जिला संवाददाता शिमला

 हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने अदालत को झूठा आश्वासन देने पर लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता (एक्सईएन) पर कार्रवाई करते हुए उसे तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने प्रमुख अभियंता को आदेश दिए कि वह उसके स्थान पर दूसरे अधिकारी की तैनाती कर प्रार्थी के मकान को बचाने के लिए कारगर कदम उठाएं। मामले पर आगामी सुनवाई 17 अगस्त को होगी। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने अपने आदेशों में कहा कि अधिशाषी अभियंता रिहायशाी मकान की सुरक्षा के लिए कारगर कदम उठाने में विफल रहा है। हालांकि पिछली सुनवाई को उसने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि याचिकाकर्ता के रिहायशी मकान की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। कोर्ट ने अधिशाषी अभियंता को चेताया था कि यदि याचिकाकर्ता के मकान को नुकसान पहुंचता है, तो वह मुआवजा व दंडात्मक कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होगा। प्रार्थी शशिकांत ने आरोप लगाया है कि धर्मपुर तहसील के अंतर्गत आईटीआई बरोटी के भवन के लिए लापहवाही से डंगा दिया गया है।

यूनीप्रो कंपनी ने लोक निर्माण विभाग की निगरानी में इस डंगे को बनाया है। कोर्ट को बताया गया कि स्थानीय ग्राम पंचायत ने 12 मार्च, 2023 को प्रस्ताव पारित किया कि आईटीआई बरोटी भवन में लापरवाही से डंगा लगाया गया था। डंगा गिरने की स्थिति में पीड़ित की संपत्ति को बहुत नुकसान हो सकता है। 10 अप्रैल, 2023 को आवेदक ने लोक निर्माण विभाग को बताया कि आईटीआई गिरने की कगार पर है और उपचारात्मक उपायों की तत्काल आवश्यकता है। 26 मई, 2023 को राजस्व विभाग ने बताया कि एक डंगा गिरने की स्थिति में है और प्रार्थी का घर खतरा है। डंगा 24 जून, 2023 को गिर गया क्योंकि विभाग ने कोई उपाय नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि आईटीआई और घर के बीच सड़क है, लेकिन डंगे के मलबे से सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है और धंसने वाली है। इससे प्रार्थी का घर खतरा में है।



No comments