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नाला दिलाएगा निजात: प्रगति मैदान टनल में अब नहीं भरेगा पानी, 800 करोड़ रुपये बनी है 1.5 किलोमीटर लंबी सुरंग

 नाला दिलाएगा निजात: प्रगति मैदान टनल में अब नहीं भरेगा पानी, 800 करोड़ रुपये बनी है 1.5 किलोमीटर लंबी सुरंग करीब 1.5 किमी लंबी टनल का इस्ते...

 नाला दिलाएगा निजात: प्रगति मैदान टनल में अब नहीं भरेगा पानी, 800 करोड़ रुपये बनी है 1.5 किलोमीटर लंबी सुरंग



करीब 1.5 किमी लंबी टनल का इस्तेमाल रोजाना लाखों वाहन चालक करते हैं। इसमें गाजियाबाद, नोएडा, पूर्वी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली जाने वाहन चालक अधिक होते हैं।
करीब 800 करोड़ रुपये में बनी प्रगति मैदान टनल को बारिश का पानी भरने से यातायात के लिए बंद करना पड़ रहा है। ऐसे में वर्षा जल निकासी के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने कदम उठाया है। इसके लिए विभाग ने एक नया नाला बनाने का काम शुरू कर दिया है। यह नाला टनल से सटे पुराना किला रोड पर बनाया जाएगा और इसे मथुरा रोड पर जल निकासी के लिए बनाए गए नाले से जोड़ा जाएगा। इससे टनल में बारिश के दौरान जलभराव की समस्या दूर होगी, ताकि टनल में जलभराव के कारण यातायात बंद करने की स्थिति न बने।

दरअसल, पर्याप्त जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने और निचला इलाका होने के कारण मथुरा रोड के पास वीआईपी क्षेत्रों में थोड़ी बारिश में ही जलभराव हो जाता है। साथ ही, टनल में भी पानी भरने से यातायात बंद करना पड़ जाता है। ऐसे में नए नाले के बनने से उचित जल प्रबंधन सुनिश्चित होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में टनल में कंक्रीट ब्लॉक, दीवारों और छत के बीच के जोड़ों से पानी का रिसाव होता था, अब इसे ठीक किया जा चुका है, लेकिन बारिश के दौरान टनल में भूमिगत पार्किंग क्षेत्र से पानी भर जाता है। इस पार्किंग क्षेत्र का प्रबंधन भारत व्यापार संवर्धन संगठन द्वारा किया जाता है।
टनल में जलभराव होने के हैं दो मुख्य कारण
टनल में जलभराव रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी ने कई कदम उठाए थे। इसमें कुछ दिन पहले मथुरा रोड पर गाद निकालने और स्टॉर्मवॉटर ड्रेन को फिर से डिजाइन करने का काम किया था। साथ ही, टनल में पानी के रिसाव को लेकर पांच सदस्यीय समिति भी बनाई गई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है। इसके बावजूद बीते दिनों हुई बारिश से टनल में कई फीट तक पानी भर गया था। अधिकारियों ने टनल में मानसून की पहली बारिश में हुए जलभराव के दो मुख्य कारण बताए हैं। इसमें दीवारों में रिसाव के कारण भूमिगत पार्किंग से बारिश का पानी प्रवेश करना और मथुरा रोड पर हुए जलभराव के पानी का टनल में डालना शामिल है। इस स्थिति में टनल के पास नया नाला बनने से मथुरा रोड पर जलभराव का पानी नाले में जाएगा साथ ही टनल के पानी को भी इस नाले से निकाला जा सकता है
लाखों वाहन चालक करते टनल का इस्तेमाल...
करीब 1.5 किमी लंबी टनल का इस्तेमाल रोजाना लाखों वाहन चालक करते हैं। इसमें गाजियाबाद, नोएडा, पूर्वी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली जाने वाहन चालक अधिक होते हैं। 2022 में इसके उद्घाटन के बाद से टनल में कई तरह की समस्याएं आईं, जिसमें जल रिसाव प्रमुख समस्या रहा है।

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